Jamshedpur news.
झारखंड हाइकोर्ट के आदेश पर जमशेदपुर अक्षेस (जेएनएसी) ने पार्किंग ठेकेदार निशिकांत सिंह और पुतुल पांडेय की सुरक्षित जमा राशि 28 जून को वापस कर दिया. झारखंड हाइकोर्ट ने 19 सितंबर 2023 और 17 जून 2025 को जमशेदपुर अक्षेस को पार्किंग ठेकेदार निशिकांत सिंह की सुरक्षित जमा राशि 29 लाख 35 हजार रुपये और पुतुल पांडेय की 11.15 लाख वापस करने का आदेश दिया था. याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ता अखिलेश श्रीवास्तव ने कहा कि जमशेदपुर अक्षेस ने हाइकोर्ट के आदेशों की फिर से अवमानना की है, क्योंकि हाइकोर्ट ने जमशेदपुर अक्षेस को मूल राशि के साथ ब्याज भी देने को कहा था, जिसे दोनों ठेकेदारों के अधिवक्ता हाइकोर्ट में अगली तारीख से पहले दो हलफनामा दायर कर अक्षेस द्वारा की गयी अवमानना की जानकारी देंगे.क्या है पूरा मामला
जेएनएसी के पार्किंग ठेकेदार निशिकांत सिंह और पुतुल पांडेय ने जमशेदपुर अक्षेस के विशेष पदाधिकारी, डीसी जमशेदपुर और झारखंड राज्य के खिलाफ दायर रिट याचिका (संख्या 2156 /2023 व 2160/2023) दायर किया था. उनका आरोप था कि पार्किंग टेंडर के बाद पार्किंग एरिया बदल दिया और पार्किंग शुल्क वसूली में जमशेदपुर अक्षेस ने मदद नहीं की. इससे उन्हें नुकसान उठााना पड़ा. याचिका पर सुनवाई करते हुए झारखंड हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस संजय मिश्र और न्यायाधीश आनंद सेन की खंडपीठ ने 19 सितंबर 2023 के अपने फैसले में सुरक्षित जमा राशि आदेश पारित होने के 60 दिन के अंदर वापस करने और ऐसा नहीं करने पर आदेश पारित होने की तिथि से भुगतान की तिथि तक छह फीसदी प्रति वर्ष ब्याज लगाने का आदेश दिया था.हाइकोर्ट ने 17 जून 2025 को पुन: दिया आदेश
आदेश के बावजूद सुरक्षित जमा राशि नहीं होने पर हाइकोर्ट ने 17 जून 2025 को पुन: जमशेदपुर अक्षेस को पार्किंग ठेकेदार को सुरक्षित जमा राशि लौटाने का आदेश दिया. आदेश के बाद जमशेदपुर अक्षेस ने पार्किंग ठेकेदार निशिकांत सिंह की सुरक्षित जमा राशि 29 लाख 35 हजार रुपये और पुतुल पांडेय की 11.15 लाख का चेक (बैंक ऑफ बड़ौदा) 28 जून को दिया. याचिकाकर्ताओं के तरफ से अधिवक्ता अखिलेश श्रीवास्तव, अशोक झा और मंजरी सिन्हा ने बहस की.
हाइकोर्ट के आदेशों की अक्षेस ने की अवमानना, फिर जायेंगे हाइकोर्ट
पूर्व में भी याचिकाकर्ताओं ने हाइकोर्ट में अवमानना की पिटीशन लगायी. हाइकोर्ट ने नाराज होकर अक्षेस के उप नगर आयुक्त को 25 फरवरी 2025 को अदालत में सशरीर उपस्थित होने को कहा. सुनवाई के दौरान जब उप नगर आयुक्त ने संबंधित मंत्रालय के सचिव से आदेश प्राप्त करने की बात कही, तब माननीय अदालत ने नाराज होकर उप नगर आयुक्त को जेल भेजने की चेतावनी दी. इस पर क्षमा याचना करने पर अदालत ने उप नगर आयुक्त को अंतिम मौका दिया पर अक्षेस ने इस बार फिर से उच्च न्यायालय की अवमानना की है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है