Jamshedpur News :
साहित्य अकादमी नयी दिल्ली की ओर से बुधवार को वर्ष 2025 के लिए 24 लेखकों को बाल साहित्य अकादमी पुरस्कार देने की घोषणा की गयी है. इस वर्ष संताली भाषा के लिए बाल साहित्य पुरस्कार पश्चिम बंगाल के पुरुलिया जिले के बड़ा बाजार क्षेत्र के फूलझोर गांव निवासी 43 वर्षीय हरलाल मुर्मू को मिला है. यह पुरस्कार उन्हें उनकी कविता पुस्तक- सोना मिरूवा : संदेश के लिए मिला है.हरलाल मुर्मू का जन्म 15 जनवरी 1981 को अपने मामा के घर पुरुलिया जिले के पहाड़पुर के बंदवान में हुआ था. हालांकि उनका पैतृक घर फुलझोर, फतेपुर सिंदरी, बड़ाबाजार, पुरुलिया है. वर्तमान में वह 5 नंबर इचलाबाद, हैचरी (पूर्व), श्रीपल्ली, पूर्व बर्धमान में रहते हैं. उनके पिता का नाम कलेश्वर मुर्मू और माता का नाम साबित्री मुर्मू है. उन्होंने 2003 में विवेकानंद कॉलेज से बीए (पॉलिटिकल साइंस में ऑनर्स) और एनएसओयू, बर्धमान से एमए (अंग्रेजी) पास किया. वर्तमान में वह केशईपुर हाइस्कूल में सहायक शिक्षक हैं.छठी कक्षा से ही साहित्यिक रचना शुरू की
हरलाल मुर्मू ने छठी कक्षा से ही अपनी साहित्यिक रचनाएं शुरू कर दी थी. अब तक उन्होंने ”संसार डामाडोल” (कहानी), ”लिलिबिची रोड़ लांदा” (बच्चों के लिए लघु कथाएं), सांवता रेनाग अरसी रे (कहानी), ञापामो: आंस रे (उपन्यास), कुल्ही धुरी रे सोना मिरु (संग्रहित कविताएं) और ओलो: आबोन गाते-गाते (संताली प्राइमर) प्रकाशित किया है. वे एक अर्धवार्षिक बाल साहित्यिक और सांस्कृतिक पत्रिका ”कुल्ही धुरी” भी निकालते हैं.साहित्यिक योगदान के लिए हो चुके हैं सम्मानित
हरलाल मुर्मू को विभिन्न साहित्यिक व सामाजिक संगठनों ने साहित्यिक गतिविधियों में सक्रिय रहने के लिए सम्मानित किया है. उन्हें बोलपुर में उमुल सांवहेद सकाम (2010), एआइएसडब्ल्यूए से बाबूलाल मुर्मू पुरस्कार (2014), तरवारी पत्रिका से तरवारी सिरपा (2016) में सम्मानित किया जा चुका है. साहित्यिक कार्यों में उनके योगदान के लिए उन्हें पूर्व बर्धमान प्रशासनिक विभाग और बर्धमान जिला जाहेर से भी सम्मानित किया गया है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है