Jamshedpur news.
बर्मामाइंस स्थित सीएसआइआर-राष्ट्रीय धातुकर्म प्रयोगशाला (सीएसआइआर-एनएमएल) में बुधवार को इएमबीटी-2025 सम्मेलन का आयोजन किया गया. सम्मेलन में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक संजीव कुमार सिंह ने सीएसआइआर-एनएमएल के उत्कृष्ट योगदान और उपलब्धियों की सराहना करते हुए कहा कि भारत की आत्मनिर्भरता और पर्यावरणीय उत्तरदायित्व के लिए खनिज परिशोधन की महत्ता को रेखांकित किया है. उन्होंने हिंदुस्तान कॉपर द्वारा नवाचार, डिजिटलीकरण, स्वच्छ प्रसंस्करण प्रौद्योगिकियों और डाउनस्ट्रीम इंटीग्रेशन में किये जा रहे प्रयासों की भी जानकारी दी, जो उत्पादन बढ़ाने और पर्यावरणीय प्रभाव को कम करने के लिए है. सम्मेलन को संबोधित करते हुए निदेशक डॉ संदीप घोष चौधरी ने देशभर से आये गणमान्य व्यक्तियों और प्रतिनिधियों का स्वागत किया. अपने संबोधन में उन्होंने बताया कि खनिज परिशोधन (मिनरल बेनीफिशिएशन) खनिज संसाधनों की गुणवत्ता बढ़ाने और औद्योगिक उत्पादकता को सुधारने में अहम भूमिका निभाता है. इस दौरान टाटा स्टील के उपाध्यक्ष (प्रौद्योगिकी) सुबोध पांडे, टीआरडीडीसी के पूर्व वैज्ञानिक डॉ प्रदीप, सीएसआइआर-सीआइएमएफआर के वरीय वैज्ञानिक डॉ पीके बनर्जी और आइआइटी-आइएसएम धनबाद के प्रो डीके सिंह ने प्लेनरी व्याख्यान प्रस्तुत किए. तीन दिवसीय सम्मेलन के दौरान नौ मुख्य व्याख्यान प्रस्तुत किये जायेंगे.इएमबीटी-2025 एवं प्रमुख, खनिज प्रसंस्करण प्रभाग के अध्यक्ष डॉ देवव्रत मिश्रा ने सम्मेलन के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह सम्मेलन लौह, अलौह, औद्योगिक और रणनीतिक खनिजों के सतत उपयोग के लिए नवीनतम तकनीकी प्रगति को रेखांकित करता है. इएमबीटी-2025 शोधकर्ताओं, उद्योग विशेषज्ञों और नीति निर्माताओं को एक साझा मंच प्रदान करता है, जिससे ऊर्जा दक्ष, शून्य-अपशिष्ट (जीरो-वेस्ट) खनिज परिशोधन तकनीकों को बढ़ावा मिलेगा. सम्मेलन में शिक्षा, उद्योग और अनुसंधान जगत के विशेषज्ञ भाग ले रहे हैं. समारोह के मुख्य अतिथि द्वारा सीएसआइआर-एनएमएल की आरएंडडी और तकनीकी विशेषज्ञता पर आधारित प्रदर्शनी-सह-पोस्टर सत्र का उद्घाटन किया.
इएमबीटी-2025 के संयोजक सह वरिष्ठ प्रधान वैज्ञानिक डॉ आरके रथ ने बताया कि इस सम्मेलन में देशभर के 22 अग्रणी संस्थानों और संगठनों से लगभग 150 प्रतिनिधि और वक्ता भाग ले रहे हैं. तीन दिवसीय कार्यक्रम में 66 तकनीकी शोध पत्र, नौ समानांतर सत्रों में प्रस्तुत किये जा रहे हैं, साथ ही एक पोस्टर सत्र भी आयोजित किया गया है. प्रतिभागियों में टाटा स्टील, हिंदुस्तान कॉपर, हिंदुस्तान जिंक, एएमएनएस इंडिया, कोल इंडिया, एनएमडीसी, सेल, जेएसडब्ल्यू स्टील, आइआइटी, सीएसआइआर प्रयोगशालाएं और अन्य संस्थान शामिल हैं. डॉ राजेंद्र कुमार रथ ने कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापन किया.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है