Jamshedpur news.
दलमा क्षेत्र ग्राम सभा सुरक्षा मंच कोल्हान के बैनर तले मंगलवार को उपायुक्त कार्यालय के समक्ष दलमा को इको-सेंसिटिव जोन घोषित कर आदिवासी और अन्य परंपरागत वन निवासी परिवारों को उजाड़ने, पारंपरिक निवासों को ध्वस्त करने और वनाधिकार को दरकिनार करने की सरकारी साजिशों के खिलाफ प्रदर्शन किया. उपायुक्त कार्यालय के समक्ष आयोजित प्रदर्शन में पटमदा, चांडिल, बोड़ाम, डिमना, पारडीह, गालूडीह, घाटशिला, मुसाबनी सहित कोल्हान के दूर-दराज के क्षेत्रों से हजारों की संख्या में ग्रामीण आमबागान मैदान में एकत्र हुए. वहां से सभी प्रदर्शनकारी नारे लगाते हुए रैली के रूप में पैदल मार्च करते हुए उपायुक्त कार्यालय पहुंचे. प्रदर्शन के दौरान उपस्थित ग्रामीणों ने वन विभाग पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि जब वे लोग वर्षों से वन भूमि पर व्यक्तिगत पट्टा के लिए आवेदन करते आ रहे हैं, उस पर कोई सुनवाई नहीं की जा रही है. प्रदर्शनकारियों ने सौंपे ज्ञापन में मांग करते हुए कहा कि इको-सेंसिटिव जोन के नाम पर पारंपरिक निवासों को ध्वस्त करने की कार्रवाई को रोका जाये, प्रभावित ग्रामसभा की पूर्व सहमति के बिना कोई भी निर्णय नहीं हो, वन अधिकार अधिनियम के तहत प्रक्रिया में पारदर्शिता हो, विस्थापन नहीं, स्थायी परंपरागत अधिकारों की गारंटी दी जाये और पूरे मामले की न्यायिक जांच करा कर जिम्मेदार अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए.प्रदर्शन में दलमा क्षेत्र ग्राम सभा सुरक्षा मंच के सुखलाल पहाड़िया, बेलोसा बबिता कच्छप, प्रसुन्न भील, राधेश्याम सिंह मुंडा, रवींद्र सिंह सरदार, डेमका सोय, कृष्णा लोहार, दीपक रंजीत, अजीत तिर्की, दिनकर कच्छप, सूर्य नारायण मुर्मू, राधे श्याम सिंह, जागरण पाल, काकुली महतो, हरमोहन महतो, सुनील हेंब्रम, कमल पहाड़िया, रवि पहाड़िया, मंटू पहाड़िया, जयनाथ भूमिज समेत संयोजक झारखंड ग्राम सभा, सुरक्षा मंच झारखंड प्रदेश, आदिवासी भूमिज मुंडा युवा संगठन कोल्हान, आदिवासी समन्वय समिति चांडिल अनुमंडल, सत्यनारायण सोसियो इकोनोमिक एंड रिसर्च सेंटर, झारखंड जनतांत्रिक महासभा, आदिवासी एकता मंच, बिरसा सेना, कोल्हान शक्ति पश्चिम सिंहभूम चाईबासा आदि कई संगठनों के प्रतिनिधि उपस्थित थे.
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