बालीगुमा वन अधिकार समिति ने डीसी और वन क्षेत्र पदाधिकारी को सौंपा मांग पत्र
Jamshedpur News :
बालीगुमा वन अधिकार समिति के एक प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार को मदन मोहन सोरेन व फतेह चंद्र टुडू के नेतृत्व में उपायुक्त और वन क्षेत्र पदाधिकारी से मुलाकात कर वन अधिकार कानून-2006 के तहत पट्टा उपलब्ध कराने की मांग की. समिति का कहना है कि बालीगुमा एक आदिवासी बहुल गांव है और कृषि यहां के निवासियों के जीविकोपार्जन का मुख्य साधन है. पूर्वी सिंहभूम जिला 5वीं अनुसूची क्षेत्र के अंतर्गत आता है, यहां आदिवासियों की पारंपरिक रूढ़ि व्यवस्था को विशेष अधिकार प्राप्त है. गांव में ग्रामसभा और वन अधिकार कानून 2006 के तहत गठित वन अधिकार समिति भी सक्रिय है. वन अधिकार समिति इस बात पर जोर देती है कि बालीगुमा मौजा के तहत वन भूमि के संरक्षण, संवर्धन और प्रबंधन के लिए वे लगातार प्रयासरत हैं. उनका दावा है कि कई ग्रामीण लंबे समय से वन भूमि पर खेती कर रहे हैं और यह उनके जीवन का एकमात्र आधार है. कुछ परिवारों ने तो वहां घर भी बना रखे हैं. इसके अतिरिक्त ग्रामीण सार्वजनिक उपयोग के लिए वन भूमि में श्मशान, खेल का मैदान और पूजा स्थल जैसे दिशोम जाहेरगाढ़ और बिदू चादान गाढ़ का भी उपयोग करते हैं. समिति वन विभाग द्वारा अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई का समर्थन करता है, लेकिन उनका आग्रह है कि इस कानून के दायरे में आने वाले लोगों को उनके अधिकारों से वंचित न किया जाये.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है