Jamshedpur news.
झारखंड में पुलिस प्रताड़ना और नागरिकों की शिकायतों की निष्पक्ष जांच के लिए अब जिला स्तर पर भी पुलिस शिकायत प्राधिकार का गठन जल्द सुनिश्चित किया जायेगा. पुलिस शिकायत प्राधिकार की जिला समिति में पांच सदस्य होंगे, जिनमें लोक व्यवहार में निपुण, स्वतंत्र, मानवाधिकारों के प्रति प्रतिबद्ध चार सदस्य होंगे (एक महिला और एक समाज के कमजोर वर्ग से होना अनिवार्य) और एक अपर पुलिस अधीक्षक स्तर के अधिकारी सदस्य सचिव होंगे. समिति की अध्यक्षता स्वतंत्र सदस्यों में से किसी एक को सौंपी जायेगी. इस समिति को जिला प्रशासन से सचिवीय सेवाएं भी मिलेंगी. समिति डीएसपी स्तर से नीचे के अधिकारियों के विरुद्ध “घोर अवचार ” मामलों की शिकायतों की जांच करेगी. अपनी सिफारिशें अनुशासनिक अधिकारी को भेजेगी, जिसे तीन माह के भीतर कार्रवाई कर समिति को रिपोर्ट देनी अनिवार्य होगी. डीएसपी से ऊपर के अधिकारियों के विरुद्ध जांच का अधिकार राज्य समिति के पास होगा. यह कवायद भाजपा नेता एवं आरटीआइ एक्टिविस्ट अंकित आनंद की सतत पहल का परिणाम है.आरटीआइ कार्यकर्ता अंकित आनंद ने डीजीपी कार्यालय को आरटीआइ आवेदन भेजते हुए राज्य एवं जिला स्तर पर पुलिस शिकायत प्राधिकार की सक्रिय कार्यशैली पर सवाल उठाये थे और इसके गठन को लेकर विस्तृत जानकारी मांगी थी. इसके बाद डीजीपी कार्यालय हरकत में आया और झारखंड के सभी जिलों के एसएसपी, एसपी, आइजी और डीआइजी को निर्देश जारी किया गया कि वे अविलंब जिला समिति का गठन करें. डीजीपी कार्यालय से पुलिस महानिरीक्षक (मुख्यालय) ने दिनांक एक जुलाई 2025 को पत्र निर्देश निर्गत किया. इसमें वर्ष (2016, 2020, 2023 और 2024) पुरानी पत्रावलियों के साथ अंकित आनंद के ई-मेल का भी विशेष उल्लेख किया गया है. इस पत्र की प्रति डीआइजी (कार्मिक) द्वारा दिनांक नौ जुलाई को पत्र के तहत अंकित आनंद को सूचनार्थ भेजी गयी है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है