Jamshedpur news.
सिंहभूम चेंबर के उपाध्यक्ष सह अधिवक्ता राजीव अग्रवाल ने ग्रुप मीटिंग कर बताया कि आयकर विभाग आकलन वर्ष 2025-26 में पांच मामलों में आयकर रिटर्न की पूरी सख्ती से जांच करने जा रहा है. इसे लेकर आयकर विभाग नोटिस भी भेजेगा. इसमें आइटीआर में दर्ज आय, कर कटौती, निवेश और कर छूट की जांच की जायेगी. अधिवक्ता अग्रवाल ने कहा कि इस बार आयकर रिटर्न दाखिल करने की प्रक्रिया में कई बड़े बदलाव हुए हैं, जिसमें नये फॉर्म, कर तालिका में संशोधन और नियमों में प्रमुख बदलाव शामिल हैं. अब कई मामलों में आयकर विभाग पूरी तरह से जांच कर संतुष्ट होगा. केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने 14 जून 2025 को जारी नये दिशा-निर्देशों की सूची भी सदस्यों व विभिन्न व्यापारिक संगठनों को चेंबर उपाध्यक्ष ने साझा कर स्थिति स्पष्ट की है.अधिवक्ता राजीव अग्रवाल ने कहा कि आयकर विभाग आइटीआर की सूक्ष्मता से जांच करेगा. इस दौरान आमदनी, खर्च, कटौती, निवेश, कर में मिली छूट व हर जानकारी का मिलान होगा. अगर किसी तरह की भी स्थिति में आंकड़ों में भटकाव दिखेगा, तो 30 जून 2025 तक जांच का नोटिस भेजा जायेगा. किसी केस को जांच से बाहर करने के लिए प्रिंसिपल सीआइटी की मंजूरी अनिवार्य होगी. विदेशी टैक्स मामलों और सेंट्रल सर्कल्स पर नैकफेस प्रक्रिया लागू नहीं होगी.इन मामलों लेकर होगी जांच, बोले अधिवक्ता राजीव अग्रवाल –
1. सर्वे वाले केस : अगर एक अप्रैल 2023 के बाद आपके यहां आयकर का सर्वेक्षण हुआ है (धारा 133 ए के तहत, 2ए को छोड़कर), तो आपकी आइटीआर की जांच तय है.2. सर्च या जब्ती वाले केस : अगर एक अप्रैल 2023 से 31 मार्च 2025 के बीच आपके यहां रेड या दस्तावेजों की जब्ती (धारा 132 या 132ए) हुई है, तो आपकी रिटर्न की जांच होगी.3. पंजीकरण रद्द होने के बाद भी छूट : अगर किसी ट्रस्ट या संस्था का पंजीकरण रद्द हो चुका है (31 मार्च 2024 तक) और वह टैक्स छूट का दावा कर रही है, तो ये केस जांच में आयेगा.4. बार-बार आय जोड़ना : अगर पहले कर निर्धारण में आपकी आय में 50 लाख (मेट्रो सिटी) या 20 लाख (अन्य जगहों) से अधिक की बढ़ोतरी की गयी थी और अपील न करने या अपील में हारने पर स्क्रूटनी भी होगी.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है