प्रथम माहली माझी परगना महाल का राष्ट्रीय महाधिवेशन जमशेदपुर में 12 अक्तूबर को
Jamshedpur News :
आदिवासी संताल समाज की माझी परगना के तर्ज पर अपनी भाषा, संस्कृति व सामाजिक धरोहरों को जीवित रखने के लिए माहली समाज द्वारा माहली माझी परगना महाल का प्रथम राष्ट्रीय महाधिवेशन 12 अक्तूबर को जमशेदपुर में होगा. इसमें झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओडिशा और असम के प्रतिनिधि शामिल होंगे. यह जानकारी पूर्व विधायक सह अखिल भारतीय माहली आदिवासी समाज केंद्रीय अध्यक्ष सूर्य सिंह बेसरा ने सोमवार को बिष्टुपुर सर्किट हाउस में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में दी. उन्होंने बताया कि अखिल भारतीय माहली आदिवासी समाज विश्व स्तर के माहली समाज के एक मंच पर लाने के प्रयासरत है. इसी के तहत 11 नवंबर को भी जमशेदपुर में पुन: अंतर्राष्ट्रीय माहली दिवस मनाया जायेगा. माहली समाज के इतिहास में यह भी पहली बार आयोजित होगा. इसमें 1 लाख से अधिक लोगों के जुटान करने का लक्ष्य रखा गया है. इसकी भी तैयारी शुरू कर दी गयी है. उन्होंने बताया कि अखिल भारतीय माहली आदिवासी समाज सरना धर्म कोड की मान्यता देने व पेसा कानून 1996 को जल्द से जल्द लागू करने का पक्षधर है. संवाददाता सम्मेलन में रामलाल माहली, शंकर सेन माहली, जवाहरलाल माहली व राजू बेसरा मौजूद थे.शहीद शंकर माहली की शहादत दिवस पर हो सरकारी छुट्टी हो
सूर्य सिंह बेसरा ने बताया कि आदिवासी माहली समाज के स्वतंत्रता सेनानी शंकर माहली को 19 जनवरी 1943 को नागपुर जेल में फांसी दिया गया था. समाज के लोग आज भी उसे उसकी शहादत दिवस पर याद करते हैं. अखिल भारतीय माहली आदिवासी समाज सरकार से उनकी शहादत पर 19 जनवरी को छुट्टी देने की मांग करता है.
माहली समाज कस्टमरी लॉ तैयार करेगा
सूर्य सिंह बेसरा ने कहा कि सामाजिक सिस्टम को जीवित रखने के लिए माहली समाज ने कस्टमरी लॉ बनाने की दिशा में पहल शुरू कर दिया गया है. इसके लिए समाज के प्रबुद्ध बुद्धिजीवी व नागरिकों से चर्चा किया जा रहा है. माहली समाज की आर्थिक रूप से मजबूत करने के लिए बंबू इंडस्ट्री को विकसित किया जायेगा. इसके लिए आवश्यक पहल शुरू कर दिया गया है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है