Jamshedpur news.
डिमना रोड स्थित नये एमजीएम अस्पताल में फर्जी तरीके से यूरोफ्लोमेट्री जांच कर रहे एक युवक के पकड़े जाने के बाद अस्पताल प्रबंधन ने एक उच्चस्तरीय जांच टीम गठित की है. अस्पताल अधीक्षक डॉ आरके मंधान ने मंगलवार को बैठक कर पूरे मामले की जांच कराने का निर्णय लिया. टीम का नेतृत्व उपाधीक्षक डॉ जुझार माझी करेंगे. जांच टीम को पूरे मामले की जांच एक सप्ताह में कर पूरी रिपोर्ट देने को कहा गया है. फिलहाल 134 नंबर रूम को खाली करा लिया गया है और मोबिन व उसके साथियों की पहचान की जा रही है. अधीक्षक ने साफ कहा है कि यह सिर्फ एक युवक द्वारा जांच करने का मामला नहीं है, बल्कि अस्पताल के अंदर कई स्तरों पर मिलीभगत की आशंका है. इस पूरे सिस्टम में कहां चूक हुई, किसकी लापरवाही रही और किन कर्मियों ने जानबूझकर नियमों को ताक पर रखा, इसकी व्यापक जांच की जायेगी.मालूम हो कि सोमवार को अधीक्षक ने नये भवन के 134 नंबर रूम में बिना अनुमति जांच कर रहे युवक मोबिन को पकड़ा था. पूछताछ में युवक ने स्वीकारा कि वह पिछले कई दिनों से मरीजों की यूरोफ्लोमेट्री और ब्लड टेस्ट कर रहा था और रूम की चाबी एक नर्स ने दी थी. मरीजों से पैसे वसूलने और रिपोर्ट न देने की शिकायत के बाद मामला खुला. जांच टीम अब यह पता लगायेगी कि युवक को अस्पताल में किसने आने दिया, किसके निर्देश पर वह रूम में बैठता था और कौन-कौन इसमें शामिल था. अब सबकी निगाहें जांच रिपोर्ट और अस्पताल प्रशासन की अगली कार्रवाई पर टिकी है. बैठक में उपाधीक्षक डॉ नकुल प्रसाद चौधरी भी मौजूद थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है