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Jamshedpur News : 250 करोड़ के बैट्री स्क्रैप घोटाला में रांची के दो कारोबारी गिरफ्तार, डीजीसीआइ ने ऐसे दबोचा

Jamshedpur News : 250 करोड़ रुपये के बैट्री स्क्रैप घोटाला मामले में डायरेक्टरेट जनरल ऑफ सेंट्रल एक्साइज इंटेलिजेंस विभाग (डीजीसीआइ) ने मंगलवार को दो लोगों को जमशेदपुर में गिरफ्तार किया.

डीजीसीआइ के साकची स्थित कार्यालय में पूछताछ के लिए बुलाया गया था

लव अग्रवाल है एक बैट्री कंपनी का डिस्ट्रीब्यूटर व गुल बहार है स्क्रैप कारोबारी

गिरफ्तारी के बाद दोनों की एमजीएम में हुई मेडिकल जांच, फिर भेजा गया जेल

Jamshedpur News :

250 करोड़ रुपये के बैट्री स्क्रैप घोटाला मामले में डायरेक्टरेट जनरल ऑफ सेंट्रल एक्साइज इंटेलिजेंस विभाग (डीजीसीआइ) ने मंगलवार को दो लोगों को जमशेदपुर में गिरफ्तार किया. इसमें रांची के लालपुर निवासी व एमेरॉन बैट्री के डिस्ट्रीब्यूटर लव अग्रवाल और स्क्रैप कारोबारी गुल बहार मल्लिक है. लव अग्रवाल की रांची के फिरायालाल चौक के पास दुकान है, जबकि गुल बहार मल्लिक रांची स्थित रिंग रोड के पास बस्ती का रहने वाला है. दोनों के पास से चार मोबाइल फोन बरामद हुए हैं. बताया जा रहा है कि दोनों ने मिलकर 250 करोड़ से अधिक का घोटाला किया है. जिसमें से 50 करोड़ रुपये की निकासी फर्जी बिल के माध्यम कर ली गयी है. गिरफ्तारी के बाद दोनों आरोपियों की देर शाम साकची स्थित एमजीएम अस्पताल में मेडिकल जांच के बाद जमशेदपुर कोर्ट में पेश किया गया, जहां से जेल भेज दिया गया.

लव और गुल एक ही गाड़ी से आये थे जमशेदपुर

डीजीसीआइ के साकची स्थित कार्यालय में मंगलवार को दिन में लव अग्रवाल और गुल बहार मल्लिक एक ही गाड़ी से रांची से पहुंचे. लव ने गुल को भरोसा दिया कि उसके पास सभी दस्तावेज हैं, कुछ नहीं होगा. इसके बाद बयान दर्ज कराने के लिए कार्यालय में चला गया. पूछताछ के दौरान जब लव से मोबाइल के संबंध में जानकारी मांगी गयी तो उसने बताया कि वह मोबाइल का इस्तेमाल नहीं करता है. यह बात अधिकारियों को नहीं पची, उन्होंने एक अधिकारी को गाड़ी में सर्च करने को कहा. एक अधिकारी ने जाकर लव के चालक से कहा कि वह अपना मोबाइल मांग रहे हैं. इस पर चालक ने तुरंत तीन मोबाइल दे दिये. इसी दौरान गाड़ी में बैठे एक व्यक्ति की गतिविधि संदिग्ध लगने पर उससे पूछताछ की गयी तो उसने अपना नाम गुल बहार मल्लिक बताया. इस पर डीजीसीआइ के अधिकारियों ने उसे भी तुरंत हिरासत में ले लिया. उसके पास से भी एक मोबाइल को जब्त किया गया है. इसके बाद पहले अलग-अलग, फिर दोनों को आमने-सामने बैठाकर पूछताछ की गयी. जिसमें जीएसटी से फर्जी तरीके से आइटीसी लेने की जानकारी मिली. अधिकारियों ने बताया कि ये लोग बैट्रियों के स्क्रैप को एमेरॉन कंपनी को ही बेच दिया करते थे.

चार-पांच माह की छानबीन में मामले का खुलासा

डीजीसीआइ के ज्वाइंट डायरेक्टर सार्थक सक्सेना के नेतृत्व में विभाग के अधिकारी रोशन मिश्रा, बबलू सिंह, राजेश झा, राजीव रंजन, साकेत, विनय पांडेय समेत अन्य अधिकारी चार-पांच माह से इस मामले में छानबीन कर रहे थे. डीजीसीआइ के अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली मुख्यालय से उनके विभाग को लव कुमार अग्रवाल और गुल बहार मल्लिक के फर्जीवाड़ा के संबंध में जानकारी मिली थी. इसके बाद एक टीम का गठन कर जांच शुरू की गयी. जांच के दौरान जीएसटी इंटेलिजेंस को गुल बहार मल्लिक की एक दर्जन से अधिक शेल कंपनियों के संचालन का भी सुराग मिला. वह रद्दी बैट्री के कारोबार से जुड़ा है. डीडी इंटरप्राइजेज, एफएम ट्रेडर्स, बर्मा इंटरप्राइजेज, न्यू इंडिया ट्रेडिंग समेत कई फर्जी कंपनियों से उसकी संलिप्तता मिली.

डीजीसीआइ ने नोटिस देकर बयान दर्ज कराने को कहा था

डीजीसीआइ ने 5 अप्रैल को लव अग्रवाल के फिरायालाल चौक स्थित शोरूम और लालपुर स्थित घर और गुल बहार मल्लिक के रिंग रोड स्थित आवास व टाल पर सर्च किया. डीजीसीआइ को दोनों व्यापारी नहीं मिले थे, उन्होंने बाद में मिलने की बात कही थी. डीजीसीआइ ने दोनों को नोटिस देकर जमशेदपुर के साकची स्थित कार्यालय में आकर बयान दर्ज कराने को कहा था.

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