Jamshedpur News :
आपने सरकारी स्कूलों में अक्सर शिक्षकों की कमी की खबर सुनी होगी, लेकिन यह सरकारी स्कूल कुछ अलग है. यहां शिक्षकों की कमी नहीं है, बल्कि जितने शिक्षकों की आवश्यकता है, उससे अधिक शिक्षकों का पदस्थापन हो गया है. दरअसल, झारखंड सरकार ने राज्य में कुल 80 सीएम स्कूल ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना की. जहां सीबीएसइ पाठ्यक्रमों के आधार पर बच्चों की पढ़ाई हो रही है. इन बच्चों को पढ़ाने के लिए आज तक स्थायी शिक्षकों की बहाली नहीं हुई. उक्त स्कूलों में शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए दो स्तर पर शिक्षकों का पदस्थापन किया गया. स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग द्वारा ऐसे शिक्षक जिन्हें अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में पढ़ाने का अनुभव था, उक्त शिक्षकों से आवेदन मंगवा कर राज्य स्तर पर शिक्षकों का पदस्थापन किया गया. इसके साथ ही जिला स्तर पर भी कई शिक्षकों का प्रतिनियोजन सीएम स्कूल ऑफ एक्सीलेंस में कर दिया गया है. जिस वजह से स्थिति यह हो गयी है कि कई ऐसे स्कूल हैं, जहां कमरे कम और शिक्षकों की संख्या अधिक है. शिक्षक चाह कर भी बच्चों को पढ़ा नहीं पाते हैं. उदाहरण के तौर पर सीएम स्कूल ऑफ एक्सीलेंस साकची में कुल 37 शिक्षकों का पदस्थापन है. जिसमें 33 सामान्य, जबकि चार शिक्षक वोकेशनल कोर्स के हैं. कमोबेश यह स्थिति जिले के अन्य दोनों सीएम स्कूल ऑफ एक्सीलेंस में है. यही कारण है कि जिला शिक्षा पदाधिकारी द्वारा तीनों स्कूलों में शिक्षकों की स्थिति की समीक्षा की जायेगी. साथ ही बताया गया कि अगर जरूरत से अधिक शिक्षक स्कूल में पदस्थापित हैं, तो जिला स्तर पर जिन शिक्षकों का प्रतिनियोजन किया गया है, उन शिक्षकों का प्रतिनियोजन टूटेगा. उक्त शिक्षकों को उनके मूल स्कूल में पदस्थापित किया जायेगा.::::::::::::::::::::::::::::::::
जिला स्तर पर पहले से ही थे शिक्षक, बाद में राज्य स्तर पर हुए प्रतिनियोजितराज्यभर में सीएम स्कूल ऑफ एक्सीलेंस की शुरुआत होने के बाद सभी जिले में जिला शिक्षा विभाग के स्तर से शिक्षकों का प्रतिनियोजन कर पठन-पाठन शुरू कराया गया. लेकिन, बाद में राज्य स्तर पर भी स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने शिक्षकों का पदस्थापन कर दिया. इस पदस्थापन के बाद शिक्षकों की संख्या बढ़ गयी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है