Jamshedpur News :
हर छह में से एक दंपती आज बांझपन की समस्या से जूझ रहा है. देश में लगभग 2.75 करोड़ दंपती इस चुनौती का सामना कर रहे हैं. यह जानकारी टाटा मेन हॉस्पिटल की मेडिकल इनडोर सर्विसेज की विशेषज्ञ डॉ. अनिशा चौधरी ने शुक्रवार को विश्व आईवीएफ दिवस पर दी. उन्होंने बताया कि बांझपन के पीछे मुख्य कारण बदलती जीवनशैली, देर से मातृत्व की योजना, मोटापा, अत्यधिक तनाव, प्रदूषण, पीसीओएस और एंडोमेट्रियोसिस जैसे रोग हैं. साथ ही, सामाजिक कलंक, जानकारी की कमी और असफलता के डर के कारण कई दंपती डॉक्टर से परामर्श नहीं लेते. डॉ. चौधरी ने कहा कि बांझपन केवल महिलाओं की समस्या नहीं है. लगभग 40-50% मामलों में पुरुष जिम्मेदार होते हैं, फिर भी सामाजिक दबाव और मानसिक बोझ महिलाओं पर अधिक पड़ता है. उन्होंने जोर देकर कहा कि समाज को दोषारोपण की बजाय सहयोग और संवेदनशीलता का माहौल बनाना चाहिए.आईवीएफ को लेकर फैली भ्रांतियों को दूर करना आवश्यक है. यह एक सुरक्षित, वैज्ञानिक और वर्षों से अपनायी जा रही सफल प्रक्रिया है, जो हजारों दंपतियों को संतान सुख दे चुकी है.
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