कोर्ट ने दोनों पर पांच-पांच हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया
धारा 120 (बी) में भी दस-दस साल की सश्रम कारावास की सजा सुनायी गयी
Jamshedpur News :
एडीजे-7 वैशाली श्रीवास्तव के कोर्ट ने सोमवार को पोटका की बहुचर्चित फुलो हेंब्रम हत्याकांड में बड़ा फैसला सुनाया है. कोर्ट ने मृतका के पति विरोध सोरेन उर्फ पप्पू सोरेन और उसकी पहली पत्नी लाली सोरेन को उम्रकैद की सजा सुनायी है. दोनों को भारतीय दंड संहिता की धारा 302 के तहत उम्रकैद के साथ पांच-पांच हजार रुपये जुर्माना और धारा 120 (बी) में दस-दस साल की सश्रम कारावास की सजा सुनायी गयी है. जुर्माना नहीं चुकाने पर तीन-तीन माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी. साथ ही, लाली सोरेन को धारा 328 (विष देने) में भी दोषी ठहराते हुए पांच हजार रुपये जुर्माना और तीन माह की अतिरिक्त कैद की सजा सुनायी है. सजा के बिंदू पर सुनवाई के दौरान जेल में बंद आरोपी विरोध सोरेन और पहली पत्नी लाली सोरेन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जुड़े हुए थे. अदालत ने दोषी दंपती की दो नाबालिग बच्चियों की शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए उनका नामांकन कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय, पोटका में कराने का आदेश भी दिया है. फुलो हेंब्रम की मां बारसा हेंब्रम के अनुसार, करीब साढ़े चार साल पहले उनकी बेटी ने विरोध सोरेन से प्रेम विवाह किया था. शादी के बाद पता चला कि विरोध पहले से शादीशुदा है. छह माह बाद ही प्रताड़ना शुरू हो गयी थी. 15 अप्रैल 2021 को फुलो को सत्तू में जहर देकर मार दिया गया. घटना के बाद बारसा हेंब्रम ने विरोध, उसकी पहली पत्नी लाली, सास सुकुल सोरेन और ससुर राजा राम सोरेन के खिलाफ मामला दर्ज कराया था. मामले की सुनवाई में छह गवाहों के बयान दर्ज हुए. सबूतों के आधार पर अदालत ने पति-पत्नी को दोषी पाया, जबकि अन्य आरोपियों को बरी कर दिया गया.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है