यूजीसी-नेट की परीक्षा में शहर के विद्यार्थियों ने गाड़े सफलता के झंडे
Jamshedpur News :
राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) ने यूजीसी-नेट जून 2025 सत्र का रिजल्ट 21 जुलाई को समय से पहले जारी कर दिया. परीक्षा 25 से 29 जून के बीच देशभर के परीक्षा केंद्रों में कंप्यूटर आधारित मोड में आयोजित की गयी थी. इस बार रिजल्ट में कई अहम बदलाव देखने को मिले. यूजीसी-नेट जून सत्र 2025 में कुल 7,52,007 परीक्षार्थियों ने भाग लिया. इनमें से 5,269 उम्मीदवारों को जूनियर रिसर्च फेलोशिप (जेआरएफ ) और सहायक प्राध्यापक दोनों पदों के लिए पात्र घोषित किया गया है. वहीं 54,885 अभ्यर्थी केवल सहायक प्राध्यापक के लिए योग्य पाये गये हैं. इसके अलावा 1,28,179 उम्मीदवारों को केवल पीएचडी प्रवेश के लिए पात्रता मिली है. एनटीए ने 85 से अधिक विषयों के लिए श्रेणीवार कट-ऑफ अंक भी जारी किया है. इस बार कट-ऑफ अपेक्षाकृत अधिक रहा. मनोविज्ञान में सर्वाधिक स्कोर हुआ. मनोविज्ञान में सामान्य वर्ग के लिए जेआरएफ के लिए कटऑफ 248 अंक रहा. समाजशास्त्र के लिए जेआरएफ कट-ऑफ 220, जबकि सहायक प्राध्यापक के लिए 192 अंक तय किया गया. कॉमर्स विषय में जेआरएफ के लिए 224 अंक कट-ऑफ रहा. इस परीक्षा में जमशेदपुर के कई विद्यार्थियों को भी सफलता मिली है.केपीएस बर्मामाइंस की पूर्व छात्रा वैष्णवी ने किया जेआरएफ क्वालिफाई
गोलमुरी रामदेव बागान की रहने वाली वैष्णवी ने यूजीसी नेट की परीक्षा में शानदार प्रदर्शन करते हुए जेआरएफ क्वालिफाई किया है. वैष्णवी ने पॉलिटिकल साइंस में यह परीक्षा दी थी. 300 अंकोंं के पेपर में उसे कुल 250 अंक हासिल हुए. 99.87 परसेंटाइल के साथ वैष्णवी को तीसरे प्रयास में यह सफलता मिली है. रिजल्ट जारी होने के साथ ही उसने जेएनयू व डीयू से पीएचडी करने के लिए आवेदन किया है. वैष्णवी ने कहा कि फिलहाल वह पीएचडी करना चाहती है. उसके बाद किसी यूनिवर्सिटी में ज्वाइन करेगी. वैष्णवी ने दसवीं तक की पढ़ाई केपीएस बर्मामाइंस से, जबकि 11वीं व 12वीं की पढ़ाई वैली व्यू स्कूल टेल्को से पूरी की. स्नातक व स्नातकोत्तर की शिक्षा बसंत कन्या महाविद्यालय वाराणसी से पूरी की. अपनी तैयारियों के बारे में जानकारी देते हुए वैष्णवी ने कहा कि उन्होंने इस परीक्षा की तैयारी के लिए किसी भी प्रकार की कोई कोचिंग नहीं ली. वह वाराणसी में पीजी में रहकर पढ़ाई करती है. तैयारी को लेकर बताया कि पूर्व में की गयी गलतियों से सीखा. वह पूर्व में नेट क्वालिफाई हो चुकी थी. कहा कि अब यूजीसी की ओर से उसे स्कॉलरशिप मिलेगी. इस राशि से वह अपने रिसर्च को पूरा करेगी. वैष्णवी के पिता राकेश कुमार ओझा गुरु नानक हाई स्कूल मानगो में शिक्षक हैं, जबकि मां मीना देवी गृहिणी है. इस सफलता से परिवार के लोगों में उत्साह है.कोल्हान यूनिवर्सिटी की छात्रा सपना तीयु ने किया कमाल, पहले प्रयास में ही पास किया नेट और जेआरएफ
जब हौसले बुलंद हों और लक्ष्य स्पष्ट हो, तो कोई भी मुश्किल रास्ता रोक नहीं सकता. कोल्हान विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग की थर्ड सेमेस्टर की छात्रा सपना तीयु ने इस कथन को पूरी तरह सच कर दिखाया है. सपना ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) द्वारा आयोजित राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (नेट) को न केवल पहले ही प्रयास में पास किया, बल्कि जूनियर रिसर्च फेलोशिप (जेआरएफ) की भी पात्रता प्राप्त कर एक बड़ी उपलब्धि अपने नाम की. विपरीत परिस्थितियों, संसाधनों की कमी और तमाम निजी चुनौतियों के बावजूद सपना ने कभी हार नहीं मानी. वह बचपन से ही मेधावी रही हैं. मैट्रिक की परीक्षा में उन्हें गणित विषय में पूर्ण 100 अंक प्राप्त हुए थे. पढ़ाई के साथ-साथ सपना एक कुशल चित्रकार भी हैं.विभाग में जश्न का माहौल, हुआ सम्मान समारोह
सपना की सफलता को लेकर कोल्हान विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग में विशेष सम्मान समारोह आयोजित किया गया. विभागाध्यक्ष डॉ. भारती कुमारी ने इसे विभाग के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि करार दिया और विद्यार्थियों को सपना से प्रेरणा लेने का संदेश दिया. सपना और पूर्व छात्रा मुनि लागुरी ( लगातार तीन बार नेट परीक्षा उत्तीर्ण की है ) दोनों को पौधा भेंट कर सम्मानित किया गया. सम्मान समारोह के दौरान सपना तीयु ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि उनकी सफलता के पीछे शिक्षिका सुमली लोहरा, देवेंद्र कुमार मिश्रा और विभागाध्यक्ष डॉ. भारती कुमारी का निरंतर मार्गदर्शन और प्रेरणा रही. इस अवसर पर प्रो. संतोष कुमार ने विद्यार्थियों को शुभकामनाएं दी और कहा कि ऐसे उदाहरण आने वाले छात्रों के लिए प्रेरणा बनेंगे. कार्यक्रम में विभाग के शिक्षण सहायक अरविंद दास और अनिता टोप्णो भी मौजूद थीं.सुलक्षणा गोस्वामी ने किया नेट क्वालिफाई, मिला 96.06 परसेंटाइल
यूजीसी नेट की परीक्षा में शहर की सुलक्षणा गोस्वामी को भी सफलता मिली है. उन्होंने नेट की परीक्षा 96.01 परसेंटाइल अंक के साथ पास किया है. उनका विषय अंग्रेजी था. सुलक्ष्णा ने बताया कि इस परीक्षा के लिए उन्होंने खास तौर पर रणनीति बना कर तैयारी की थी. प्रतिदिन चार से पांच घंटे तक पढ़ाई करती थी. उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय प्राइज एकेडमी के डायरेक्टर प्रो. कृष्णन ब्रह्मनंदन और मैथ की शिक्षिका अमृता को दिया.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है