खूंटी. भक्ति और साधना करने से मानव महादेव को प्राप्त कर सकता है. महादेव परम पिता परमेश्वर हैं, इन्हें हम अपनी -अपनी युक्ति से पाना चाहते हैं. सच्चे गुरु का बताया मार्ग शास्त्रसम्मत होता है और इन मार्ग पर चल कर कितने संत-महात्माओं ने परमात्मा का साक्षात्कार किया. उक्त बातें ऋषिकेश आश्रम के स्वामी गंगाधर जी महाराज ने अपने प्रवचन के दौरान मलियादा आश्रम में रविवार को कही. महर्षि मेंहीं आश्रम मलियादा और शांति पुरी मुरहू में सावन माह में विशेष सत्संग कार्यक्रम का आयोजन किया गया है. स्वामी गंगाधर जी महाराज ने वराह उपनिषद से भगवान के वराह के रूप में अवतरण की बातें बतायी. उन्होंने कहा कि संतों के ज्ञान से ही हम विषयों का त्याग कर सकते हैं. उन्होंने सिद्धार्थ और आम्रपाली की कथा को बताया. वहीं कई और उदाहरण से स्वामी जी ने कहा कि मन रूपी धान के बिचड़े को परमात्मा रूपी खेत में लगायें. प्रसन्नता और सुख-शांति मिलेगी. स्वामी लक्ष्मण जी महाराज ने कहा कि भक्ति के बिना मनुष्य पशु समान होता है. जीवन का उद्धार भक्ति करने से ही होगा. मुरलीधर बाबा, दिगंबर बाबा, गोपाल बाबा ने भी सत्संग और ध्यान-भजन की महिमा बतायी. मौके पर डॉ डीएन तिवारी, संजय सत्संगी, मुचीराय मुंडा, जगमोहन पुर्ती, देवमन पुर्ती, सुरेश पंडित, सुबोध कुमार, रामहरि साव, हरि मुंडा, सूरजमल प्रसाद सहित अन्य उपस्थित थे.
ब्रह्माकुमारी बहनों ने बांधी राखी
सत्संग कार्यक्रम में आयी ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय खूंटी की संचालिका ब्रह्माकुमारी बहनों ने महर्षि मेंही आश्रम शबरी कुटिया शांतिपुरी में तथा व्याहुत कलवार जायसवाल संघ मुरहू में ईश्वरीय सौगात देते हुए रक्षाबंधन किया.
महर्षि मेंहीं आश्रम में विशेष सत्संग कार्यक्रम का आयोजनB
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