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मंडल डैम से नेतरहाट तक 150 किमी के इलाके को टूरिस्ट सर्किट बनाने की कवायद शुरू

मंडल डैम से लेकर बरवाडीह और बेतला नेशनल पार्क होते नेतरहाट तक को टूरिस्ट सर्किट के रूप में विकसित की कवायद शुरू की गयी है.

तसवीर-28 लेट-1 पीटीआर के जंगल संतोष कुमार, बेतला मंडल डैम से लेकर बरवाडीह और बेतला नेशनल पार्क होते नेतरहाट तक को टूरिस्ट सर्किट के रूप में विकसित की कवायद शुरू की गयी है. करीब 150 किलोमीटर तक लंबी इस सर्किट को पर्यटन हब का रूप देने का प्रयास किया जा रहा है. उम्मीद है कि जल्द ही सभी कार्यों को अंतिम रूप दिया जा सकेगा. पर्यटन उद्योग के रूप में यह इलाका विकसित हो जायेगा. इससे न केवल लाखों लोगों को रोजगार मिलेगा, बल्कि सरकार को भी भारी राजस्व की प्राप्ति होगी. राज्य के वित्त मंत्री राधा कृष्ण किशोर और स्थानीय विधायक रामचंद्र सिंह ने भी इसे लेकर सक्रियता दिखायी है. उल्लेखनीय है कि 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शिलान्यास और फिर अब राज्य के मुख्य सचिव के मंडल डैम के दौरा करने के बाद इसके निर्माण कार्य का मार्ग प्रशस्त हो गया है. इससे प्रभावित सात गांवों के 780 परिवारों को पुनर्वासित करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गयी है. यदि मंडल डैम का निर्माण कार्य पूरा होता है तो इससे अपनी गौरव खोती पलामू टाइगर रिजर्व का कायाकल्प हो जायेगा. न केवल पलामू टाइगर रिजर्व के बाघ सहित जंगली जानवरों को निर्बाध गति से विचरण करने का मौका मिलेगा, वहीं पर्याप्त पानी भी मिल सकेगा. इस कारण पर्यटन के लिहाज से भी मंडल डैम के आसपास का इलाका का भविष्य उज्ज्वल दिखाई देने लगा है. इतना ही नहीं, बरवाडीह मंडल डैम के रोड में पुटुवागढ़ में 300 हेक्टेयर में टाइगर सफारी की शुरुआत का प्रस्ताव है. यदि इसे भी पूरा कर लिया जाता है तो फिर बेतला से मंडल से पुटवागढ़ बेतला नेशनल पार्क होते गारू महुआडांड़ तक एक पर्यटन सर्किट के रूप में विकसित हो जायेगा .जहां देश-विदेश के आने वाले लाखों सैलानियों का जमावड़ा जगह-जगह पर दिखने लगेगा. राज्य सरकार इसे पर्यटन उद्योग के रूप में विकसित करने का संकल्प लिया है वही पलामू टाइगर रिजर्व प्रबंधन के वरीय पदाधिकारियों की सूझबूझ और रणनीति के कारण इसे अमली जामा पहनाने का भरपूर प्रयास किया जा रहा है. 1129 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैले पलामू टाइगर रिजर्व प्राकृतिक वन संपदाओं और वन्य प्राणियों से लवरेज है. चप्पा-चप्पा पर आज की इस बढ़ती मानवीय दबाव के बावजूद भी आज सैकड़ो दुर्लभ प्रजाति के जंतु और पौधे वनस्पतियां मौजूद हैं. मंडल डैम के निर्माण होने से जो पानी का जमाव होगा उसे पलामू टाइगर रिजर्व को एक काफी लाभ मिलेगा. साल भर पानी के रहने से जहां हाथियों को आने जाने का सिलसिला जारी रहेगा वही छत्तीसगढ़- मध्य प्रदेश से आने वाले बाघ भी इस क्षेत्र में उपलब्ध रहने लगेंगे. मंडल डैम के निर्माण के बाद लोगों को सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी मिलने से भी इलाके में खुशहाली आयेगी. जिनके विकास करने का लिया गया है प्रस्ताव मंडल डैम के निर्माण ,पुटुवागढ़ में टाइगर सफारी,केचकी संगम और बेतला नेशनल पार्क का सौंदर्यीकरण, पलामू किला का जीर्णोद्धार,मिर्चइया , सुग्गा बांध, लोध फॉल के सौंदर्यीकरण के साथ नेतरहाट में ग्लास ब्रिज का निर्माण किया जाना है. क्या कहते हैं डिप्टी डायरेक्टर डिप्टी डायरेक्टर प्रजेश कांत जेना ने कहा कि मंडल डैम के निर्माण के लिए सभी प्रयास जारी हैं. यह एक जनहित की महत्वाकांक्षी परियोजना है. इसके निर्माण कार्य पूरा होने से यह इलाका टूरिस्ट सर्किट के रूप में विकसित हो जायेगा. क्या कहते हैं विधायक: विधायक रामचंद्र सिंह ने कहा कि पलामू टाइगर रिजर्व के कारण कई विकास योजनाओं को लागू नहीं किया जा सकता है क्योंकि वन अधिनियम के कई अड़चन हैं. इस क्षेत्र के खुशहाली के लिए एकमात्र विकल्प पर्यटन है. जिसे उद्योग के रूप में विकसित करने का संकल्प लेकर काम किया जा रहा है.

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