तसवीर-31 लेट-7 प्राथमिक विद्यालय खपुरतल्ला, लेट-8 जानकारी देते रसोईया महुआडांड़. ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा की स्थिति बद से बदतर है. प्रखंड के राजकीय प्राथमिक विद्यालय खपुरतला में केवल चार बच्चे नामांकित हैं, जबकि विद्यालय कक्षा एक से पांच तक संचालित होता है. सात बच्चे नामांकित होने के बावजूद एक भी बच्चा कक्षा में नजर नहीं आता है. गुरुवार को विद्यालय तो खुला, शिक्षक भी आये, पर बच्चों की उपस्थित शून्य रही. देखा जाये, तो विद्यालय कागजों में चल रहा है. ज्यादातर तो ये विद्यालय बंद रहता है. गांव के लोग कहते हैं कि शिक्षक लापरवाह हैं. इस विद्यालय में पदस्थापित शिक्षक राजेन्द्र नगेसिया कभी-कभार विद्यालय आते हैं. कागजी कार्य करते है और लौट जाते हैं. बगैर बच्चों के स्कूल में पढ़ाने शिक्षक हर माह सरकार से वेतन ले रहे हैं. विद्यालय में मध्याह्न भोजन की बात करें तो वह भी कागजों पर चल रहा है. सीआरपी विद्यालय की सही रिपोर्ट जाकर बीआरसी कार्यालय में जमा नहीं कराते हैं. सीआरपी का कार्य अपने पोषण क्षेत्र में संचालित विद्यालयों का प्रतिदिन स्थिति की जानकारी लिखित रूप से देना होता है. शिक्षक राजेन्द्र नगेसिया विद्यालय में बच्चों की संख्या पर कहते हैं कि नजदीक में निजी स्कूल के कारण ऐसी स्थिति है. विद्यालय के रसोईया कुशंति कुमारी कहती हैं कि तीन-चार बच्चे पहले आते थे. लेकिन एक महीने से वह भी नहीं आ रहे हैं. फिर भी विद्यालय में भोजन रोज बनता है. बच्चे भोजन खाने आते हैं और गांव के लोगों को भी भोजन खिला दिया जाता है. मामला संज्ञान में आया है : बीडीओ इस संबंध में प्रभारी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी ॠषिकेश कुमार ने कहा कि मामला संज्ञान में आया है. इसकी जांच की जायेगी. अगर बच्चे विद्यालय नहीं आ रहे है तो हमलोग कोशिश करेंगे कि बच्चे विद्यालय आयें.
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