लातेहार ़ जिले में जून-जुलाई के बाद अगस्त माह में भी लगातार बारिश के कारण मक्का और दलहन की खेती को काफी नुकसान हुआ है. लगातार बारिश से खरीफ फसलों की खेती पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है. हालांकि, जिले में धान की रोपनी में काफी तेजी आयी है. जबकि मक्का, दलहन व तेलहन आदि फसलों की बोआई काफी पीछे चल रही है. जिले के 30 हजार हेक्टेयर में धान की रोपनी करने का लक्ष्य है. लेकिन लगातार हो रही बारिश के कारण जिले में अब तक 16 हजार 738 हेक्टेयर में ही धान की रोपनी हो सकी है. इसके अलावा मक्का का फसल 19 हजार 960 हेक्टेयर में लगाया जाना है. परंतु बारिश के कारण 5 हजार 641 हेक्टेयर में ही मक्का लगाया गया है. दलहन की बात करें तो 38 हजार 300 हेक्टेयर में दलहन लगाने का लक्ष्य है. लकिन जिले में अब तक मात्र 6 हजार 778 हेक्टेयर में दलहन लगा है. वहीं, तिलहन 4 हजार 90 हेक्टेयर में लगाने का लक्ष्य रखा गया है. लेकिन 423 हेक्टेयर में तेलहन का फसल लगाया जा सका है. मड़ुआ पांच सौ हेक्टेयर में लगाने का लक्ष्य है. परंतु अभी तक 74 हेक्टेयर में ही यह लग सका है. खरीफ फसलों की बोआई पिछले वर्ष के अपेक्षा में काफी पीछे है. किसान संतोष यादव व नंदलाल यादव ने कहा कि बारिश के कारण मक्का की खेती सबसे अधिक प्रभावित हुई है. मक्का की अच्छी पैदावार से काफी लाभ होता था. इसके अलावा पशुओं का चारा भी हो जाता था. किसानों ने कहा कि अब धान की फसल पर ही उम्मीद टिकी हुई है. जिला कृषि पदाधिकारी अमृतेश कुमार सिंह ने कहा कि बारिश के कारण खरीफ फसलों का नुकसान हुआ है. इसलिए जिले के किसान मोटे फसलों की खेती कर उसकी भरपाई कर सकते हैं.
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