विस्थापित-प्रभावित रैयतों ने अनगड़ा स्थित प्लांट परिसर के समीप धरना-प्रदर्शन किया, कहा फोटो : 5 चांद 2 : धरना-प्रदर्शन में जुटे लोग. प्रतिनिधि चंदवा. महुआमिलान श्रमिक सहकारी सहयोग समिति लिमिटेड, जमीरा के बैनर तले गुरुवार को एस्सार पावर प्लांट से विस्थापित-प्रभावित रैयतों ने अनगड़ा स्थित प्लांट परिसर के समीप एकदिनी धरना-प्रदर्शन किया. कार्यक्रम की अध्यक्षता समिति के अध्यक्ष सह जमीरा पंचायत के पूर्व मुखिया बैजू मुंडा ने की. इस दौरान विस्थापित-प्रभावित ग्रामीणों ने एस्सार पावर लिमिटेड को (प्रोजेक्ट ऑन गोइंग कंसर्न बेसिस) यथावत स्थिति में टेक ओवर करनेवाली कंपनी ओरिसा एलॉय स्टील प्रा. लि. पर विस्थापित-प्रभावित का हक मारने का आरोप लगाया. इसे लेकर जमकर नारेबाजी की गयी. इस दौरान समिति के अध्यक्ष बैजू मुंडा के अलावे संजीव कुमार, अरुण ठाकुर, चंद्रदीप गंझू समेत अन्य ने कहा कि हमने क्षेत्र के विकास के लिए भूमि दी थी. क्षेत्र में प्लांट लगे, विकास हो, पर हमारी हकमारी ना हो. वर्ष 2007-08 में अनगड़ा में 1200 मेगावाट का प्लांट स्थापित करने के लिए एस्सार पावर झारखंड कंपनी ने हमारी 524 एकड़ जमीन 22 बिंदुओं पर एकरारनाम के साथ ली थी. उस समय हमें कहा कि विस्थापन एवं पुनर्वास नीति का पालन किया जाएगा, पर किसी कारणवश कंपनी 2012 में बंद हो गयी. इसके बाद उक्त प्लांट को एनसीएलटी कोर्ट द्वारा दिवालिया घोषित कर परिसमापन की प्रक्रिया में डाल दिया गया. हमें कुछ नहीं मिला. अब इस कंपनी को कॉरपोरेट गोइंग ऑन कंसर्न बेसिस पर ओरिसा एलॉय प्रा. लि. (रश्मी मेटालिक) को हैंड ओवर कर दिया गया है. टेकओवर करनेवाली नई कंपनी ने यहां आते ही रंग दिखाना शुरू कर दिया है. विकास के लिए अपनी कीमती जमीन देने वाले हम जैसे रैयतों को बाहर का रास्ता दिखाया जा रहा है. नई कंपनी ना ही विस्थापन व पुर्नवास नीति का पालन कर रही है, और ना ही ग्रामसभा के माध्यम से कोई कार्य कर रही है. समिति किसी भी कीमत पर विस्थापित-प्रभावित के हक व अधिकार मारने नहीं देगी. इसे लेकर समिति जोरदार आंदोलन करेगी. धरना के बाद प्लांट परिसर में हाथों में तख्ती लेकर पदयात्रा भी निकाली गयी. मौके पर चंद्रदीप कुमार, मैनेजर उरांव, मनजीत गंझू, प्रमोद गंझू, कामेश्वर गंझू,प्रभु तुरी लखन लोहरा मणिलाल यादव प्रकाश प्रजापति बालक यादव दिनेश उरांव धीरज प्रजापति मंजू देवी किरण देवी पूनम देवी मंजू देवी समेत अनगड़ा, चतरो, अरधे, लोहसिंगना, महुआमिलान, रक्सी, पिपराही, तुपी समेत अन्य गांव के बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे.
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