लोहरदगा. केंद्र सरकार द्वारा पेंशनरों में किए जा रहे भेदभावपूर्ण फैसले के विरोध में अखिल भारतीय स्तर पर आंदोलन की चेतावनी दी गयी है. झारखंड राज्य पेंशनर समाज, रांची जिला शाखा-लोहरदगा द्वारा आयोजित आम बैठक को संबोधित करते हुए महेश सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार पेंशनरों को बांटने की कार्रवाई तुरंत वापस ले, अन्यथा देशभर में उग्र आंदोलन शुरू किया जायेगा. महेश सिंह ने कहा कि संविधान की धारा 366(17) में पेंशन व्यवस्था में समानता का प्रावधान है, न कि वर्गीकरण का. महंगाई सभी पर समान रूप से प्रभाव डालती है, जिसे सातवें वेतन आयोग ने 2016 में भी स्वीकार किया था. इसके बावजूद केंद्र सरकार ने हाल ही में ऐसा निर्णय लिया है, जिससे पेंशनरों में भारी नाराज़गी है. उन्होंने बताया कि 23 जून 2025 को देश भर के पेंशनर सभी जिलों के उपायुक्तों/जिलाधिकारियों के माध्यम से प्रधानमंत्री को ज्ञापन सौंपेंगे. इसमें सरकार से पेंशनरों के बीच विभाजन संबंधी फैसले को वापस लेने की मांग की जायेगी. अगर केंद्र सरकार इस पर कोई कार्रवाई नहीं करती है, तो प्रत्येक राज्य से पेंशनरों का प्रतिनिधिमंडल तीन-तीन दिन के लिए दिल्ली के जंतर-मंतर पर एक महीने तक विशाल धरना-सत्याग्रह करेगा. इसके बाद भी सरकार अगर सुनवाई नहीं करती है, तो डीएस नाकरा केस की तर्ज पर मामला सुप्रीम कोर्ट तक ले जाया जायेगा. महेश सिंह ने कहा कि इस आंदोलन की पूरी जिम्मेदारी केंद्र सरकार की होगी. इसके लिए देश के हर राज्य का पेंशनर संगठन और अखिल भारतीय राज्य पेंशनर्स महासंघ, दिल्ली पूरी तरह से एकजुट और तैयार है.
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