कुड़ू़ प्रखंड में विकास की रफ्तार अधिकारियों की कमी के कारण ठप पड़ी है. बीडीओ, बीइइओ, बीएओ, पीआरओ, खाद्य आपूर्ति पदाधिकारी सहित कई महत्वपूर्ण पद लंबे समय से प्रभार में चल रहे हैं. पिछले कई माह से स्थायी अधिकारियों की पोस्टिंग नहीं होने से प्रखंड की प्रशासनिक व्यवस्था चरमरा गयी है. प्रखंड विकास पदाधिकारी प्रवेश कुमार साव के 31 जनवरी को सेवानिवृत्त होने के बाद से बीडीओ की पोस्टिंग नहीं हुई है. अब तक प्रभार से ही काम चलाया जा रहा है. कुड़ू सीओ रहीं मधुश्री मिश्रा को बीडीओ का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया. चार दिन पहले सीओ मधुश्री मिश्रा का तबादला हो गया तथा नये सीओ के रूप में संतोष उरांव की पोस्टिंग की गयी है. इसी तरह बीइइओ अरबिंदा कुमारी भी 31 जनवरी को सेवानिवृत्त हुईं, परंतु आज तक स्थायी नियुक्ति नहीं हो सकी है. लोहरदगा सदर बीइइओ राजू रंजन को अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है जो पहले से ही कई प्रखंडों की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं. प्रखंड कृषि पदाधिकारी रामप्रवेश वर्मा का तबादला चार साल पहले हो गया था, लेकिन तब से यह पद भी खाली है. चार जनसेवकों से ही बीएओ का काम चल रहा है. प्रखंड पंचायती राज पदाधिकारी का पद आठ साल से खाली है और अब तक केवल प्रभार में ही कार्य हो रहा है. इसी तरह खाद्य आपूर्ति पदाधिकारी, पशुपालन पदाधिकारी, सूचना जनसंपर्क पदाधिकारी और निर्वाचन पदाधिकारी जैसे पद भी प्रभार के सहारे संचालित हो रहे हैं. चौंकाने वाली बात यह है कि इन खाली पदों की जानकारी स्थानीय विधायक डॉ रामेश्वर उरांव, सांसद सुखदेव भगत व अन्य जनप्रतिनिधियों को भी है, फिर भी कोई पहल नहीं की जा रही है. नतीजा, प्रखंड का समुचित विकास बाधित हो रहा है.
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