किस्को़ नक्सल प्रभावित क्षेत्र पेशरार प्रखंड के चैनपुर से पेशरार तक मुख्य सड़क निर्माण कार्य वर्ष 2022 में संवेदक अजमल अंसारी ने शुरू किया था. चार करोड़ की लागत से बनायी जा रही यह सड़क वर्ष 2023 में पूर्ण होनी थी लेकिन तीन साल बीत जाने के बावजूद 5.02 किलोमीटर की सड़क आज भी अधूरी है. सड़क पर बनी पुलिया के बह जाने के कारण पेशरार प्रखंड मुख्यालय और जिला मुख्यालय का संपर्क ठप हो गया है. पिछले वर्ष भी यह सड़क तेज पानी के बहाव में बह गयी थी जिस पर केवल मिट्टी डालकर खानापूर्ति की गयी थी. सड़क किनारे गार्डवाल नहीं होने से बारिश में जलस्तर बढ़ने पर नदी का पानी बाढ़ का रूप ले लेता है. जिससे बुलबुल समेत 10 गांवों का संपर्क पूरी तरह टूट जाता है. सड़क बहने और पुल टूटने से स्कूली बच्चों के साथ-साथ ग्रामीणों को भारी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है. दो पहिया वाहन भी चलाना मुश्किल हो गया है. आपात स्थिति में एंबुलेंस गांव तक नहीं पहुंच पाती है. गोताक, बुलबुल, केरार, होन्हे, चैनपुर, सहेदापाठ, रुगड़ी, इचवाटाड़ और दुग्गू जैसे गांवों के दो हजार से अधिक लोग प्रभावित हैं. पुलिया बड़ी दुर्घटना को आमंत्रित कर रही है. पेशरार मुखिया रंजीता नागेसिया और चैनपुर वार्ड सदस्य नेहा देवी ने बताया कि चेतावनी देने के बाद भी निर्माण एजेंसी ने इस पुलिया को छोड़कर अन्य स्थान पर काम किया. ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि एक सप्ताह में कार्य शुरू नहीं हुआ तो वे उपायुक्त के समक्ष धरना देंगे. लोगों ने घटिया निर्माण व विभागीय मिलीभगत की जांच की मांग की है.
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