लोहरदगा़ उपायुक्त डॉ ताराचंद ने साप्ताहिक कार्यक्रम पंचायत कर गोईठ के तहत जिले के पंचायत प्रतिनिधियों से संवाद स्थापित किया. इस संवाद में उपायुक्त ने सरकार की विभिन्न योजनाओं की जानकारी सभी मुखिया को दी और उनसे क्षेत्रीय समस्याओं को भी जाना. उन्होंने कहा कि मडुआ की खेती वर्तमान वैश्विक बाजार में लाभकारी है. इसकी मांग लगातार बढ़ रही है. सरकार किसानों को मडुआ का बीज निःशुल्क प्रदान कर रही है और झारखंड स्टेट मिलेट मिशन के तहत प्रति एकड़ भूमि पर 3000 रुपये की प्रोत्साहन राशि भी दी जा रही है. अधिक से अधिक किसान मडुआ की खेती को अपनाएं और कृषि विभाग से संपर्क करें. उपायुक्त ने कहा कि कुछ सक्षम परिवार आज भी राशन कार्ड के माध्यम से सरकारी खाद्यान्न ले रहे हैं, जो गलत है. मुखियाओं को ऐसे लाभुकों को राशन कार्ड सरेंडर करने के लिए प्रेरित करना चाहिए, ताकि वास्तविक गरीबों को इसका लाभ मिल सके. मुख्यमंत्री मंइयां सम्मान योजना के तहत जिनके खाते में राशि नहीं पहुंच रही है, वे केवाईसी अवश्य करायें और आधार सक्रिय करें. तकनीकी समस्याओं को बैंक जाकर दूर करें. उन्होंने समाज की संवेदनहीनता पर चिंता जताते हुए कहा कि जागरूक नागरिकों को अपने आसपास की समस्याओं के प्रति संवेदनशील होना चाहिए. उपायुक्त ने कैरो प्रखंड के गजनी और भंडरा प्रखंड के भौंरो पंचायत में संचालित ज्ञान केंद्र का भी निरीक्षण किया और वहां बच्चों से बातचीत कर उन्हें मेहनत और लगन से पढ़ाई करने की सलाह दी. उन्होंने निर्देश दिया कि ज्ञान केंद्रों में पत्र-पत्रिका, समाचार-पत्र और ज्ञानवर्धक पुस्तकें उपलब्ध करायी जायें. डॉ ताराचंद ने डायन प्रथा और बाल विवाह को सामाजिक कुरीति बताते हुए इनके खिलाफ पंचायत स्तर पर जागरूकता फैलाने की अपील की. साथ ही सभी को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराना प्रशासन की प्राथमिकता बताया. उन्होंने ग्रामसभा को नियमित रूप से संचालित करने, आंगनबाड़ी केंद्रों की स्थिति सुधारने, मनरेगा योजनाओं के कार्यान्वयन और फसल बीज वितरण सुनिश्चित करने को कहा. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में उपविकास आयुक्त दिलीप प्रताप सिंह शेखावत, अपर समाहर्ता जितेंद्र मुंडा, परियोजना निदेशक सुषमा नीलम सोरेंग, अनुमंडल पदाधिकारी अमित कुमार, सिविल सर्जन राजू कच्छप, जिला पंचायत राज पदाधिकारी अंजना दास सहित अन्य अधिकारी एवं पंचायत प्रतिनिधि उपस्थित थे.
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