लोहरदगा़ रामकली देवी सरस्वती शिशु मंदिर पावरगंज के प्रांगण में गुरु पूर्णिमा का उत्सव श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया गया. कार्यक्रम का शुभारंभ बैद्यनाथ मिश्रा, नित्यानंद झा, सुमन राय, राजेंद्र खत्री, शिव शंकर सिंह, कृपा प्रसाद सिंह, रामध्यान सिंह, तनु मित्तल, विद्यालय के अध्यक्ष वीरेंद्र मित्तल और प्रधानाध्यापिका सुधा देवी ने मां सरस्वती की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित व दीप प्रज्वलित कर वंदना के साथ किया. गुरु पूर्णिमा के उपलक्ष्य में मुख्य अतिथि वेदनाथ मिश्रा ने महर्षि वेदव्यास द्वारा लिखित महाभारत के संदर्भ में जानकारी दी. सुमन राय ने डॉ राज मित्तल को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि गुरु वही होते हैं जो अंधकार से निकालकर उजाले की ओर ले जाते हैं. उन्होंने बच्चों से अच्छे पद हासिल कर विद्यालय को गौरव दिलाने की अपील की. राजेंद्र खत्री ने कहा कि समाज में सबसे महत्वपूर्ण स्थान गुरु का होता है. अगर कोई डॉक्टर या इंजीनियर है तो उसके पीछे गुरु की ही भूमिका होती है. उन्होंने सभी आचार्य बंधुओं को पुरस्कार देकर सम्मानित किया. शिव शंकर सिंह ने कहा कि अभिभावकों को चाहिये कि वे अपने बच्चों को सबसे पहले अच्छे संस्कार दें क्योंकि घर का संस्कार बच्चों पर सबसे अधिक असर डालता है. कृपा प्रसाद सिंह ने कहा कि परमात्मा सभी को कुछ न कुछ करने का अवसर देते हैं और बच्चे को शिक्षा देने का कार्य शिक्षक का होता है. इसीलिए गुरु को महान माना जाता है. कार्यक्रम में बच्चों ने सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी. हिंदी और संस्कृत में भाषण हुआ. इसके बाद फल प्रतियोगिता, निबंध प्रतियोगिता एवं सुलेख प्रतियोगिता के विजयी विद्यार्थियों को पुरस्कार प्रदान किये गये. कार्यक्रम में विद्यालय के अध्यक्ष वीरेंद्र मित्तल, प्रधानाध्यापिका सुधा देवी, शिक्षक-शिक्षिकाएं और सभी विद्यार्थी उपस्थित थे. संचालन आचार्य सुधांशु कुमार ने किया और कार्यक्रम का समापन शांति मंत्र के साथ हुआ.
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