किस्को. साइबर अपराध के खिलाफ प्रभात खबर की ओर से जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन परहेपाठ पंचायत भवन में किया गया.जिसमें किस्को थाना प्रभारी सुमन मिंज, आपूर्ति पदाधिकारी उदय कुमार महतो,पीएलवी कलावती कुमारी,बिलचन्द भगत के अलावा सीएचसी व आधार केंद्र संचालक व क्षेत्र के युवक,युवती मौजूद रहे.मौके पर साइबर ठगी से बचने के उपाय बताये गये. महिलाओं ने साइबर अपराध को लेकर पूछे गये सवालों का जवाब भी दिया. साथ ही प्रभात खबर की इस मुहिम की सराहना की. थाना प्रभारी सुमन मिंज ने कहा कि साइबर अपराध के कई मामले थाना तक पहुंच रहे हैं. साइबर अपराध करने वाले लोग पढ़े-लिखे होते हैं और तकनीक की जानकारी रखते हैं. आपके सोशल मीडिया अकाउंट पर पूरी नजर के साथ-साथ जानकारी रखते हैं. इसलिए सोशल मीडिया में आप निजी बातों को कभी शेयर ना करें. बगैर जानकारी के यूपीआइ भुगतान न करें. जहां आवश्यक न हो, वहां भुगतान न करें. अज्ञात लिंक पर क्लिक न करें. बैंक के नाम पर फोन आने पर बैंक से जुड़ी जानकारी साझा न करे. बैंक किसी प्रकार की जानकारी फोन के माध्यम से नही लेती है. अज्ञात लिंक,ओटीपी व कूरियर सर्विस पर न फंसे,लॉटरी के नाम पर इनाम देने व राशि दोगुनी करने के झाँसे में न आये. अपने फोन को गोपनीय रखें. घर परिवार व दोस्तों में जानकारी साझा न करे.अगर कोई ऐप लालच दे, तो उसका उपयोग न करें. ना ही उसे टच करें. सतर्क व सचेत रहेंगे, तभी साइबर क्राइम से बच पायेंगे. वहीं महिलाओं ने मंईयां सम्मान योजना पर आ रहे फोन कॉल के संबंध में सवाल पूछा गयी. इस पर प्रखण्ड आपूर्ति पदाधिकारी उदय कुमार महतो ने कहा कि मंईयां सम्मान योजना के नाम पर भी साइबर ठगी की जा रही है. साइबर अपराधी पुलिस अधिकारी बन कर भी डरा कर ठगी करते हैं. टेक्नोलॉजी का उपयोग करके जो क्राइम होता है.वह साइबर क्राइम होता है.आपके साथ अगर साइबर ठगी का प्रयास होता है, तो घबराये नहीं और उसके झांसे में आने से बचे. पुलिस को सूचना दें. पढ़े-लिखे लोग भी साइबर अपराध के शिकार हो रहे हैं. योजनाओं के नाम पर पैसे की कही भी मांग नहीं की जाती है. अगर योजनाओं के नाम पर पैसे की मांग की जाती है, तो ऑनलाइन भुगतान न करे. मौके पर पीएलवी परहेपाठ पंचायत कलावती कुमारी एवं किस्को थाना पीएलवी,बिलचन्द भगत ने कहा कि अपराध का शिकार होने से बचने के लिए हर व्यक्ति को हर वक्त सजग रहने की जरूरत है. फेसबुक हैक कर और दोस्तों की सूची के कई लोगों से पैसे की मांग किया जाता है. व्हाट्सएप पर पीएम किसान,आवास व अन्य योजनाओं का लिंक भेज कर लोगों से ठगी की जाती है, जिसके बाद पुलिस में शिकायत करने से कुछ नहीं हो पाता.
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