कुड़ू़ प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना (फेज-3) के तहत लगभग आठ करोड़ रुपये की लागत से बन रही जीमा चौक से बराटपुर तक की सड़क की स्थिति बद से बदतर हो गयी है. पूरी सड़क जगह-जगह गड्ढों में तब्दील हो चुकी है. इससे ग्रामीणों, स्कूली बच्चों, किसानों और व्यापारियों को आवागमन में भारी परेशानी हो रही है. इस मामले में प्रखंड से लेकर जिला प्रशासन तथा स्थानीय विधायक से लेकर सांसद तक चुप्पी साधे हुए हैं. इससे ग्रामीणों में आक्रोश है. इस सड़क के माध्यम से कुड़ू प्रखंड के लावागांई, ननतिलो, टोंकाटोली, जांगी, कोलसिमरी और रोन्हेया गांवों के ग्रामीण प्रखंड मुख्यालय पहुंचते हैं. साथ ही लोहरदगा सदर प्रखंड के नदी नगड़ा, ऐने, बाधा, रूगढ़ीटोला, बराटपुर और कुड़ू प्रखंड के कड़ाक, फंगाटोली के ग्रामीण भी इसी मार्ग से जिला मुख्यालय आते-जाते हैं. करीब आठ किलोमीटर लंबी इस सड़क के मजबूतीकरण की स्वीकृति वर्ष 2023 में दी गयी थी. निर्माण कार्य की जिम्मेदारी आरइओ लोहरदगा को दी गयी, और ठेका एकेएस एंड आरकेएस कंस्ट्रक्शन कंपनी को मिला था. सड़क निर्माण में पुलिया निर्माण समेत मजबूतीकरण के विभिन्न कार्य शामिल थे. इसे पांच जून 2024 तक पूर्ण किया जाना था. लेकिन निर्माण कार्य बेहद धीमी गति से हुआ. एलॉटमेंट में देरी का हवाला देकर ठेकेदार ने समय गंवा दिया. नतीजतन जून 2024 तक सड़क का आधा भी निर्माण नहीं हो पाया. आरइओ ने 19 मई 2025 को अधूरे कार्य का अंतिम मापी करा लिया. ठेकेदार ने कार्य विलंब के लिए कई कारणों का हवाला देते हुए और समय की मांग की है. बारिश के कारण स्थिति और बदतर : बारिश के कारण अब स्थिति और बदतर हो चुकी है. गड्ढों में भरे पानी के कारण बाइक सवारों के लिए दुर्घटनाएं आम हो गयी हैं. ग्रामीणों ने बताया कि सड़क पर वाहन चलाना तो दूर, पैदल चलना भी मुश्किल हो गया है. स्थानीय लोग कई बार बीडीओ, उपायुक्त, विधायक व सांसद को मौखिक और लिखित रूप से अवगत करा चुके हैं. बावजूद इसके कोई ठोस पहल नहीं हुई है. गड्ढों को ठीक करने का निर्देश दिया गया है : आरइओ के सहायक अभियंता अखिलेश सिंह ने बताया कि संवेदक को निर्देश दिया गया है कि एक सप्ताह में गड्ढे दुरुस्त करें. बरसात के बाद निर्माण कार्य शुरू कर तीन माह में पूर्ण करने का निर्देश दिया गया है.
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