कुड़ू. गर्मी का आगाज होते ही सोलर आधारित जलमीनार जवाब देने लगे हैं. मेंटनेंस कार्य नहीं होने तथा संबंधित पंचायत के जनप्रतिनिधियों की लालफीताशाही के कारण ग्रामीणों को गर्मी शुरू होते ही पेयजल की गंभीर समस्या पहाड़ लगने लगी है. बताया जाता है कि छह साल पहले प्रखंड के 14 पंचायतों में 14 वें वित्त आयोग की राशि से लगभग दो लाख 49 हजार की लागत से सोलर आधारित जलमीनार लगायी गयी थी. प्रखंड के 14 पंचायतों मे 65 सोलर आधारित जलमीनार लगायी गयी थी. संबंधित पंचायत के मुखियाओं की मिलीभगत से कागज में ग्राम सभा करते हुए लाभुक समिति का गठन किया गया तथा जलमीनार लगाने वाले वेंडर को राशि का भुगतान किया गया. सोलर आधारित जलमीनार लगाने के समय बताया गया था कि लगभग 62 हजार रुपए मेंटनेंस कार्य मे खर्च किया जायेगा. लेकिन सोलर आधारित जलमीनार का मेंटनेंस कार्य कागजों में करते हुए राशि का भुगतान किया गया. वर्तमान सुरते हाल यह है कि 14 वें वित्त आयोग की राशि से बने सोलर आधारित जलमीनार में आधे से अधिक मामूली खराबी तथा मशीन जलने के कारण बेकार पड़े हुए हैं. जो चालू हालत में हैं. वह भी गर्मी शुरू होते ही जवाब देने लगी है. गर्मी शुरू होते ही प्रखंड के सलगी पंचायत से लेकर ककरगढ़ तक तथा कुड़ू से लेकर कोलसिमरी पंचायत तक पेयजल की गंभीर समस्या उत्पन्न हो गयी है. कुड़ू पंचायत के इंदिरा गांधी चौक, रामनगर, कृषि फार्म के समीप लगा सोलर आधारित जलमीनार, टाटी पंचायत, जीमा पंचायत,सहित अन्य पंचायतों में कमोबेश यहीं हालत है. ग्रामीणों ने बताया कि गर्मी शुरू होने पर पेयजल की यह हालत है, तो मई तथा जून में जब गर्मी प्रचंड रहेगी, तब क्या हालात होंगे. इस संबंध में प्रभारी बीडीओ सह सीओ मधुश्री मिश्रा ने बताया कि प्रखंड में पेयजल की समस्या नहीं होने दिया जायेगा.
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