किस्को़ किस्को प्रखंड के खरकी पंचायत क्षेत्र के कोचा गांव में प्रभात खबर आपके द्वार कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में ग्रामीणों ने बेबाकी से अपनी समस्याएं रखीं. कोचा, बरनाग, करम टोली और बांध जैसे गांव पहाड़ों की तलहटी में बसे हैं, जहां मुंडा, नगेसिया, उरांव, लोहार, तुरी समेत कई समुदाय के लोग रहते हैं. ये गांव किस्को प्रखंड मुख्यालय से मात्र छह किलोमीटर दूर हैं, फिर भी आज तक विकास की धारा से कोसों दूर हैं. गांवों में बुनियादी सुविधाओं का घोर अभाव : गांवों में सड़क, पेयजल और स्वास्थ्य सुविधाओं का घोर अभाव है. रोजगार की कमी के कारण अधिकांश लोग पलायन कर चुके हैं. गांव में जो लोग बचे हैं वे जंगल से सूखी लकड़ी लाकर उसे बेच अपना जीविकोपार्जन करते हैं. उबड़-खाबड़ रास्ते और टूटी पुलिया बरसात में लोगों को पूरी तरह गांव में बंद कर देती हैं. स्कूली बच्चों को स्कूल जाने में कठिनाई होती है. नदी पर पुल नहीं होने से बरसात के दिनों में आवागमन ठप हो जाता है. अंजान बने हैं प्रशासन और जनप्रतिनिधि : ग्रामीणों ने बताया कि प्रशासन और जनप्रतिनिधि कभी गांव की सुध नहीं लेते. चुनाव के समय सभी दल आते हैं, लेकिन जीतने के बाद कोई लौट कर नहीं आता. पंचायत चुनाव में तीन बार मुखिया चुने गये, लेकिन गांव में कोई विकास नहीं हुआ. पीने का पानी अब भी बड़ी समस्या है. लोग नदी का गंदा पानी पीने को मजबूर हैं. माइंस के कारण लाल पानी बहता है, जिससे स्वास्थ्य पर भी खतरा मंडरा रहा है. मरीजों को किस्को ले जाना भी कठिन : सड़कें इतनी जर्जर हैं कि मरीजों को किस्को ले जाना भी कठिन हो जाता है. बरसात में कई बार गांवों का संपर्क पूरी तरह कट जाता है. खाने-पीने का संकट हो जाता है. करम टोली को बांध टोली से जोड़ने वाली सड़क जगह-जगह कटी हुई है, जिससे खतरा बना रहता है. ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध करायी जाये ताकि वे भी सम्मानजनक जीवन जी सकें.
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