छाई डैम के लिए अधिग्रहण से हट कर गलत तरीके से हो रहा भूमि कब्जा भुरकुंडा. बलकुदरा छाई डैम नंबर एक की चहारदीवारी का काम किये जाने का बलकुदरा, जयनगर, रसदा व गेगदा के ग्रामीणों ने विरोध किया है. ग्रामीणों का कहना है कि पीवीयूएनएल द्वारा बिना रैयतों की सहमति के गैरकानूनी ढंग से काम कराया जा रहा है. कंपनी करीब 340 एकड़ जमीन पर ऐश माउंट निर्माण के लिए घेराबंदी करा रही है. बुधवार को ग्रामीणों ने बलकुदरा में मुखिया विजय मुंडा की अध्यक्षता में सभा की. इसमें जिप सदस्य राजाराम प्रजापति, पूर्व जिप सदस्य झरी मुंडा, मुखिया हीरा देवी उपस्थित थे. सभा में लोगों ने कहा कि 1961-62 के माइनर सर्वे के आधार पर बने खतियान के अनुसार जमीन का अधिग्रहण 1972 -73 में हुआ था. ऐसे में जमीन पर कब्जा 1961-62 के नक्शा के आधार पर करना चाहिए था, लेकिन जिला प्रशासन 1909-10 के नक्शा के आधार पर ऐश माउंट की घेराबंदी करा रहा है, जो गलत है. पूर्व लिखित समझौते के अनुसार पीवीयूएनएल प्रबंधक को वन व जलवायु परिवर्तन मंत्रालय से प्राप्त स्टेज वन की स्वीकृति के अनुसार अधिसूचित वन क्षेत्र पर ही चहारदीवारी का कार्य किया जाना था, लेकिन गलत ढंग से पूरे छाई डैम की जमीन को घेरा जा रहा है. इससे उक्त चारों गांव के रैयत जो धान की फसल के लिए बीज खरीद व जुताई का काम कर चुके थे, उन्हें नुकसान उठाना पड़ा है. 26 मई को उपायुक्त की अध्यक्षता में जो नियमावली बनी उसमें केवल सांसद व विधायक का हस्ताक्षर है. पीवीयूएनएल के अधिकारियों ने हस्ताक्षर नहीं किया है. इससे यह नियमावली अधूरी रह गयी है. ग्रामीणों ने कंपनी से नौकरी, मुआवजा, पुनर्वास व अन्य सुविधाओं की मांग की. कहा कि जल्द ही मामले में आंदोलन शुरू किया जायेगा. सभा में राजाराम प्रसाद, आदित्य नारायण साहू, योगेंद्र यादव, सुरेश साव, कयूम अंसारी, अनिकेत सोनी, नागेश्वर महतो, जुगल महतो, बसंत कुमार, राहुल कुमार, अमन कुमार, आशीष कुमार शामिल थे.
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