भुरकुंडा. सीसीएल बरका-सयाल क्षेत्र में बंद पड़ी सौंदा डी कोलियरी को फिर से खोलने की प्रक्रिया चल रही है. इस क्रम में रविवार को सौंदा डी परियोजना प्रबंधन द्वारा क्षेत्र में सर्व कार्य किया गया. सर्वे टीम ने सीसीएल आवास, सरकारी स्कूल, गैर सरकारी स्कूल, मंदिर, गिरजाघर आदि का सर्व किया. सर्वे अधिकारियों के साथ आउटसोर्सिंग कंपनी के प्रतिनिधि भी थे. टीम ने बताया कि सीसीएल आवास में रहने वाले सीसीएल कर्मी व गैर सीसीएल कर्मियों की रिपोर्ट तैयार की गयी है. मालूम हो कि उक्त कोलियरी 2003 में बंद हुई थी. उस समय खदान सीसीएल के अधीन था, लेकिन अब इस खदान को आउटसोर्सिंग से चलाया जायेगा. खनन कार्य वीटीपीपीएल आइएचइपीपीएल एआरसी कंसोरसियम कंपनी को मिला है. कंपनी को 25 वर्षों के लिए टेंडर मिला है. इस अवधि में कंपनी 147.96 मिलियन टन कोयले का उत्पादन करेगी. सालाना उत्पादन करीब छह लाख टन होगा. यहां कोयले का ग्रेड जी-6 है. खदान के विस्तार के लिए सौंदा डी व जयनगर क्षेत्र की 332 हेक्टेयर जमीन ली जायेगी. इसके कारण करीब 1400 सीसीएल आवास हटाये जायेंगे. निजी आवास को भी हटाया जायेगा : सैकड़ों की संख्या में बने निजी आवासों को भी हटाया जायेगा. इसकी जद में हाई स्कूल, मिडिल स्कूल, प्राइमरी स्कूल व निजी विद्यालयों के साथ-साथ धार्मिक स्थल व बाजार भी आयेगा. वर्तमान के भुरकुंडा-पतरातू मार्ग को भी सौंदा डी के पास डायवर्ट करने की योजना है. आवास व बाजार को खाली कराने के लिए पूर्व में भी सीसीएल द्वारा नोटिस भी दिया गया था. खदान में करीब 250 मिलियन टन कोयले का रिजर्व भंडार बताया जा रहा है. अगले साल से उत्पादन शुरू होने की उम्मीद है. सौंदा डी कोलियरी खुलने से बरका-सयाल क्षेत्र की लाइफ काफी बढ़ जायेगी.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है