ए आइ के नैतिक सामाजिक एवं शैक्षिक प्रभाव की दी जानकारी रामगढ़. महर्षि परमहंस कॉलेज ऑफ एजुकेशन कोठार व तरटल फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी हुई. इसमें भारत में शिक्षा प्रणाली में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (ए आइ) का प्रभाव एवं चुनौतियां के विषय पर देशभर के शिक्षाविदों, शोधार्थियों व प्रशिक्षुओं ने अपनी बातें रखी. उद्घाटन सत्र के प्रथम दिन पूर्व कुलपति विनोद बिहारी महतो विश्वविद्यालय, धनबाद के डॉ अंजनी श्रीवास्तव, रामगढ़ इंटर महिला महाविद्यालय के वक्ता डॉ संजय सिंह, राधा गोविंद विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ निर्मल कुमार मंडल, विनोबा भावे विश्वविद्यालय के विभागाध्यक्ष डॉ तनवीर यूनुस, मां विंध्यवासिनी टीचर ट्रेनिंग कॉलेज हजारीबाग के प्राचार्य डॉ चेतन प्रसाद और दूसरे दिन मुख्य अतिथि मध्यप्रदेश सागर विश्वविद्यालय के डॉक्टर जेके जैन, विशिष्ट अतिथि विनोबा भावे विश्वविद्यालय के डीन डॉ एसके अग्रवाल, प्रोफेसर डॉ मृत्युंजय प्रसाद, विनोद बिहारी महतो कोयलांचल विश्वविद्यालय के डीन डॉ नकुल प्रसाद, विनोद बिहारी महतो विश्वविद्यालय के शोधार्थी जयराम महतो, प्राचार्य डॉ वसुंधरा कुमारी, सहायक प्राध्यापक रतन शर्मा, सहायक प्राध्यापक डॉ अभिकरण, डॉ आशीष आनंद ने ए आइ के नैतिक सामाजिक एवं शैक्षिक प्रभाव पर अपने विचार रखे. स्वागत भाषण प्राचार्य डॉ जीआर चौरिया ने किया. मौके पर मनोज अग्रवाल, जीआर चौरिया, डॉ नीलकमल सिन्हा, चंचला कुमारी, अरविंद कुमार महतो, राहुल सिंह, प्रकाश चंद्र महतो, जया झा, पूनम सिंह, डॉ राजेश महतो, अबोध चंद्र महतो, अमित कुमार महतो, पिंकी कुमारी, मंजू कुमारी, शमशेर आलम, आदित्य प्रियदर्शी, सगीर अहमद, विनीत पोद्दार उपस्थित थे.
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