Coal India: रामगढ़, सलाउद्दीन- कोल इंडिया लिमिटेड के कामगारों को 9.4.0 स्कीम का लाभ आठ साल से नहीं मिल रहा है. सीआईएल की सभी सब्सिडी कंपनी के 722 कामगारों के आश्रित जंतर-मंतर (नयी दिल्ली) में 28 मार्च को धरना देंगे. एक दिवसीय धरना में शामिल होने के लिये पांच राष्ट्रीय ट्रेड यूनियन को भी आमंत्रित किया गया है. कोल कामगार को गंभीर बीमारी से पीड़ित होने पर मेडिकल बोर्ड द्वारा अनफिट किया जाता है. इसी के बाद आश्रित को नौकरी मिलती थी. जो नहीं मिल रहा है. जिसकी मांग सीआईएल इपेक्स जेसीसी और मानकीकरण कमेटी में भी उठता रहा है.
2018 से स्कीम का लाभ नहीं मिला
एनसीडब्लूए 11 बोर्ड सीआईएल में लागू हैं. एनसीडब्लूए 10वां बोर्ड की बैठक में प्रबंधन ने इस मुद्दे पर एक कमेटी का गठन किया था. जिसमें प्रबंधन व यूनियन के लोग शामिल थे. लेकिन इस कमेटी ने भी इस स्कीम को लागू नहीं करा पाया. वहीं एनसीडब्लूए 11वीं में भी कमेटी गठन के निर्णय की प्रक्रिया को पूरा नहीं किया गया है. लागू नहीं किया है. फरवरी 2018 में स्टेडिंग कमेटी ऑन सेफ्टी इन पोल माइंस की बैठक दिल्ली में हुई. इसमें केंद्रीय कोयला मंत्री तत्कालीन पीयूष गोयल सभी ट्रेड यूनियन के नेता सभी सीएमडी व अन्य सदस्य शामिल हुये थे. 9.4.0 स्कीम पर सवाल उठे थे. स्वेच्छिक सेवानिवृति देने की बात सामने आई थी. लेकिन यह लाभ मेडिकल बोर्ड की बैठक के बाद देने का निर्णय हुआ था. संयोग से 2018 के बाद मेडिकल बोर्ड की बैठक नहीं हो पा रही है. स्कीम का लाभ से कामगार वंचित हो रहे हैं.
क्या कहना है दिल्ली के धरना में शामिल होनेवाले आश्रितों का
28 मार्च कोदिल्ली जंंतर-मंतर में धरना में होना है. शामिल होनेवाले आश्रित गोरिल दास अरगड्डा एरिया महेश्वरी घासी पुषमा मांझी कुजूएरिया सूर्य देव प्रसाद रजरप्पा कोलियरी अजय गुप्ता ने बताया कि एक दिवसीय धरना होगा. इससे पहले बीसीसीएल धनबाद मुख्यालय में 23 नबंवर 2024 को भी धरना दिये थे. इसके अलावा इस स्कीम को लागू करने के लिये आवेदन सभी ट्रेड यूनियन के अध्यक्ष, सचिव को भी दिया गया है. संसद में आवाज उठाने के लिये लोहरदगा के सांसद सुखदेव भगत, आप सांसद संजय सिंह व सांसद चंद्रशेखर आजाद सहित सभी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष को दिये हैं.
कब लागू हुआ था बीमार कामगार के आश्रित को नौकरी देने का स्कीम
9.4.0 स्कीम कोल इंडिया की स्थापना के साथ ही चल रहा है. यह स्कीम कोयला मजदूरों के राष्ट्रीय कोयला समझौता (एनसीडब्लूए) के तहत लागू किया गया था. सीआईएल के अंतर्गत काम करनेवाले कामगार गंभीर बीमारी से पीड़ित होते हैं. तो उनके आश्रित को नौकरी दिया जायेगा.
आश्रित को नौकरी देने की प्रक्रिया
कोल कामगार गंभीर रूप से बीमार होने पर मेडिकल रिपोर्ट संबंधित विभाग में जमा करते थे. मेडिकल बोर्ड में इसकी जांच के बाद निर्णय पास होता था, इसी आधार पर बीमार कामगार के आश्रित को नौकरी दी जाती थी.
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