घाटोटांड़. नौ दिनों के प्रवास के बाद स्वास्थ्य लाभ लेकर महाप्रभु श्री जगन्नाथ, बहन सुभद्रा व दाऊ बलराम के साथ घुरती रथ पर सवार होकर अपने धाम लौट गये. मौसीबाड़ी से महाप्रभु को श्रद्धालुओं ने पूजा कर रथ पर स्थापित किया. इसके बाद जय जगन्नाथ के जयघोष के साथ भजन करते हुए रथ खींच कर जगन्नाथ धाम पहुंचाया गया. इससे पहले, पुजारी नारायण पंडा उर्फ बिट्टू पंडा, हेमंता कुमार दास ने मंत्रोचारण के साथ विधि-विधान से यजमान भगवान सिंह के माध्यम से अनुष्ठान संपन्न कराया. महाप्रभु की विशेष सेविका प्रमिला त्रिपाठी ने बताया कि पोड़ पीठा का भोग अर्पित किया गया. मान्यता है कि पोड़ पीठा खाने के बाद ही महाप्रभु अपने लोक गमन करते हैं. रथ यात्रा में प्रमोद कुमार मल्लिक, अशोक कुमार सिंह, महेंद्र प्रसाद, टीपी दास, अरुण सिंह, स्वर्णदा प्रसाद त्रिपाठी, प्रमिला त्रिपाठी, विजय मोहंती, जगदीश महतो, चिंतामणी बारीक, मोहन महतो, डॉ योगेंद्र कुमार सिंह, रामदयाल यादव, गिरिधारी महतो, किशुन महतो, सुरेश प्रसाद, रामसेवक राम, गौरव सिंह परमार, प्रदीप कुमार, ज्ञानरंजन मंडल, दीपक कुमार दुबे, राकेश शामिल थे.
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