रामगढ़. अखिल भारतीय बीमा कर्मचारी संघ (एआइआइइए) के आह्वान पर बुधवार को भारतीय जीवन बीमा निगम कार्यालय, रामगढ़ के बाहर हड़ताल को लेकर धरना-प्रदर्शन किया गया. मौके पर रामगढ़ शाखा कार्यालय के अध्यक्ष अजीत मिंज ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बीमा उद्योग पर किये जा रहे हमले में कोई कमी नहीं आयी है. सरकार संसद के मॉनसून सत्र में बीमा कानून संशोधन विधेयक पेश करने के लिए तैयार है. विधेयक का ढांचा वित्तीय सेवा विभाग के नवंबर 2024 के प्रस्ताव पर आधारित है. इसमें तीन कानून बीमा अधिनियम 1938, जीवन बीमा निगम अधिनियम 1956, बीमा विनियम विनियामक और विकास प्राधिकरण अधिनियम 1999 में संशोधन लाने का प्रस्ताव है. सचिव ए चावला ने कहा कि सरकार आने वाले माह में ऑफर फॉर सेल के माध्यम से एलआइसी में कुछ हिस्सेदारी बेचने की योजना बना रही है. इसी तरह से सार्वजनिक क्षेत्र की सामान्य बीमा कंपनियों का निजीकरण करना चाहती है. बीमा क्षेत्र में एफडीआइ की सीमा को 74 प्रतिशत से बढ़ा कर 100 प्रतिशत करना चाहती है. एलआइसी में तृतीय व चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों की संख्या में कमी आयी है. मौके पर अध्यक्ष अजीत मिंज, अविनाश कुमार, पंकज कुमार साहू, ब्रजेश कुमार तिवारी, लक्ष्मी सिंह, ए मांझी, निधि, जया कुमारी, धनंजय कुमार, राजीव रंजन, सचिन कुमार, मोहन राम, प्रवीण सिन्हा, फूलमणि गाड़ी, नागनाथ प्रसाद, महेंद्र प्रजापति, मुकेश कुमार, कन्हैया, अजय शर्मा, मनोज पोद्दार, सुरेश महतो, तपेश्वर राम, विजय बहादुर मौजूद थे.
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