क्षेत्र में मजदूरों व कर्मियों की उपस्थिति करीब 40 फीसदी रही. भुरकुंडा/उरीमारी. केंद्रीय संगठनों द्वारा आहूत हड़ताल का सीसीएल बरका-सयाल क्षेत्र में मिला-जुला असर रहा. क्षेत्र में मजदूरों व कर्मियों की उपस्थिति करीब 40 फीसदी रही. प्रथम पाली में कुल 576 में से 208 लोगों ने हाजिरी बनायी. जेनरल शिफ्ट में 1694में से 652 लोग काम पर पहुंचे. द्वितीय पाली में 510 में से 273 लोग काम पर गये. इसका असर कोयला उत्पादन व डिस्पैच पर पड़ा. हालांकि, प्रबंधन ने हड़ताल को असफल बताया है. आंकड़े प्रबंधन के बयान का समर्थन नहीं कर रहे हैं. हड़ताल में ट्रेड यूनियन के नेताओं ने इसे पूरी तरह सफल बताया है. बिरसा परियोजना में विस्थापित समिति ने कामकाज को बंद नहीं होने दिया. सौंदा बस्ती सरैया टोला के विस्थापितों ने सयाल डी में कामकाज को बंद कराया. भुरकुंडा के बलकुदरा खदान में भी कामकाज सामान्य रहा. यहां 70 प्रतिशत उपस्थिति रही. सयाल, उरीमारी व न्यू बिरसा में पहली पाली में कामकाज ठप रहा. दूसरी पाली में उत्पादन का काम आंशिक रूप से शुरू हो गया. कुल मिलाकर इस एरिया में हड़ताल का असर मिला-जुला रहा. इधर, क्षेत्र के बैंक, डाकघर में कामकाज आम दिनों की तरह होता रहा. न्यू बिरसा से महज एक रैक कोयले का डिस्पैच हुआ. सामान्य दिनों में तीन-चार रैक कोयला डिस्पैच होता था. सौंदा बी साइडिंग से एक भी रैक नहीं निकला. हड़ताल को सफल बनाने में विंध्याचल बेदिया, संजीव बेदिया, नरेश मंडल, राजू यादव, सोनाराम मांझी, संजय करमाली, विनोद मिश्रा, संजय शर्मा, अर्जुन सिंह, देवेंद्र सिंह, वासुदेव साव, लालो महतो, मोहन मांझी, इंद्रदेव राम, आजाद भुइयां, डॉ जीआर भगत, सीताराम किस्कू, चरका करमाली, महादेव बेसरा, विजय करमाली शामिल थे. सरकार की नीतियों को मिला करारा जवाब : रमेंद्र कुमार. हड़ताल में शामिल एटक के राष्ट्रीय अध्यक्ष रमेंद्र कुमार ने देशव्यापी हड़ताल को सफल बताया. उन्होंने कहा कि सरकार की मजदूर-कर्मचारी व कोयला उद्योग विरोधी नीतियों को लोगों ने करारा जवाब दिया है. मजदूरों व कर्मियों ने एकजुटता दिखाते हुए यह साबित किया है कि अपने अधिकारों पर हमला बर्दाश्त नहीं करेंगे. श्री कुमार ने हड़ताल को सफल बनाने में योगदान करने वाले सभी को बधाई दी है. सफल रही हड़ताल : फागू बेसरा. झारखंड कोलियरी मजदूर यूनियन के महासचिव फागू बेसरा ने कहा कि राष्ट्रव्यापी हड़ताल को कोल इंडिया सहित सभी क्षेत्रों अपार समर्थन मिला. कोयला खदानों में उत्पादन व ट्रांसपोर्टिंग ठप रहा. उन्होंने बताया कि सीसीएल के अरगड्डा, संघमित्रा, बीएंडके, कथारा, रजरप्पा, हजारीबाग, बरका-सयाल, एनके एरिया में हड़ताल शत-प्रतिशत सफल रही. पिपरवार में 90 व आम्रपाली में 50 प्रतिशत हड़ताल सफल रही. सीएमपीडीआइ क्षेत्र में भी हड़ताल सफल रही है. विस्थापितों ने विफल की हड़ताल : दसई. विस्थापित नेता दसई मांझी ने कहा कि यहां के विस्थापितों ने कभी भी बिरसा परियोजना में हड़ताल को सफल नहीं होने दिया है. हड़ताल को हमलोग विस्थापितों को बेरोजगार करने की साजिश मानते हैं. आज भी हड़ताल को विफल बनाने का काम किया गया.
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