गिद्दी (हजारीबाग). अरगड्डा कोयला क्षेत्र की परियोजनाओं में लोकल सेल पिछले कई दशक से चल रहा है. शुरुआती वर्षों में दंगल के सभी मजदूर लदाई स्थल पर जाते थे और कोयला लदाई करते थे. उस दौर में मैनुअल लोडिंग की व्यवस्था थी. अब पे लोडर की व्यवस्था कर दी गयी है. रैलीगढ़ा में एक घटना के बाद पिछले कुछ वर्ष पहले प्रबंधन ने मजदूरों की संख्या घटा दी थी. सीबीआइ की कार्रवाई के बाद प्रबंधन ने कोयला लदाई स्थल पर लोकल सेल के मजदूरों को जाने पर पूरी तरह से रोक लगा दी है. इसके कारण गिद्दी, रैलीगढ़ा व गिद्दी सी में लोकल सेल पिछले कुछ दिनों से बाधित है. इसे लेकर प्रबंधन और कोयला लिफ्टर, मजदूर व लोकल सेल संचालन समिति आमने-सामने है. लोकल सेल संचालन समिति और कोयला लिफ्टरों ने प्रबंधन से इसका रास्ता निकालने का प्रयास किया है, लेकिन प्रबंधन अपनी बातों पर अड़ा हुआ है. कोयला लिफ्टर व लोकल सेल संचालन समिति का कहना है कि लदाई स्थल पर मजदूर पत्थर की छंटाई करते हैं. अगर मजदूर वहां नहीं जायेंगे, तो कोयले के साथ पत्थर भी चला जायेगा. इससे डीओ धारक को आर्थिक नुकसान होगा. प्रबंधन के इस कदम से लोकल सेल से जुड़े हजारों मजदूरों का अस्तित्व अब संकट में पड़ गया है. इससे मजदूरों में प्रबंधन के प्रति नाराजगी बढ़ रही है. मजदूरों का कहना है कि उन्हें हटाने के लिए प्रबंधन साजिश रच रहा है, लेकिन यह होने नहीं दिया जायेगा.
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