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शहरी क्षेत्र घोषित होने के बाद भी मूलभूत सुविधाओं की है कमी

शहरी क्षेत्र घोषित होने के बाद भी मूलभूत सुविधाओं की है कमी

बरकाकाना. रामगढ़ नगर परिषद का वार्ड 18 शहरी क्षेत्र होने के बाद भी सुविधाओं की कमी का दंश झेल रहा है. पूरे वार्ड में पानी की समस्या है. लोगों ने नगर परिषद द्वारा की जा रही साफ-सफाई को सिर्फ खानापूर्ति बताया है. वार्ड की नालियां जाम हैं. बरसात से पूर्व उसे साफ नहीं करायी गयी, तो लोगों के घरों में नालियों के पानी प्रवेश करने की संभावनाओं से इंकार नहीं किया जा सकता है. लोगों का कहना है कि वार्ड के लोग शहरी क्षेत्र का टैक्स तो जरूर भर रहे हैं, लेकिन मूलभूत सुविधाओं के नाम पर केवल कमी ही कमी है. लोगों ने चैनगड़ा को प्रखंड बनाने की मांग की थी, लेकिन सरकार की घोषणा के बाद भी आज तक यह प्रखंड नहीं बना है. इससे लोगों में सरकार के प्रति आक्रोश है. लोग सरकार से चैनगड़ा को प्रखंड बनाने की मांग कर रहे हैं. संबंधित विभाग के साथ ग्रामीण संयुक्त रूप से लगातार पत्राचार कर रहे हैं. वार्ड 18 में चैनगड़ा, बनगड़ा, धोबी टोला, इराकी मुहल्ला, मुस्लिम मुहल्ला, बेदिया टोला, डाड़ी टोली, तुरी टोला पूर्वी-पश्चिमी, नावा टोला, उरांव टोला का क्षेत्र आता है. इसकी कुल आबादी लगभग आठ हजार है. इस वार्ड में मुस्लिम, कुर्मी, आदिवासी क्रमश: तीनों की सामान्य जनसंख्या है. इसके अलावा आदिवासी, हरिजन व सामान्य जाति के लोग रहते हैं. यह वार्ड एक बड़े पत्थर के भूभाग पर बसा है. यहां एक हजार फीट बोरिंग के बाद भी लोगों को संतोषजनक पानी नहीं मिलता है. क्या कहती हैं वार्ड पार्षद : वार्ड नंबर 18 की वार्ड पार्षद अंजू देवी ने कहा कि उनके वार्ड में पानी की समस्या काफी गंभीर है. पानी की समस्या को दूर करने के लिए जिला प्रशासन से कई बार पत्राचार किया गया. लगातार पत्राचार के बाद 570 करोड़ की लागत से जुडको विभाग द्वारा पानी सप्लाई की योजना बनायी गयी है. इस योजना के तहत पतरातू डैम से पाइप लाइन के माध्यम से पानी को चैनगड़ा तक पहुंचाया जायेगा. पानी टंकी का निर्माण करा कर पानी को जमा किया जायेगा. इसके बाद पूरे वार्ड क्षेत्र में पाइप लाइन के माध्यम से पानी की सप्लाई की जायेगी. सरकार को चैनगड़ा के पिछले हिस्से की चारों तरफ पहाड़ियों से घिरे एक भूखंड की भी जानकारी दी गयी है. यहां पर्याप्त पानी है. सरकार से वहां बांध बना कर पानी की सप्लाई करने के लिए पत्राचार किया गया है. अधिकारियों ने इस स्थल का निरीक्षण व सर्वे भी किया है, लेकिन इस पर सरकार ने कोई सकारात्मक पहल नहीं की है. क्या है स्थानीय लोगों की मांगें : गिरीशंकर महतो ने बताया कि चैनगड़ा को प्रखंड बनाने को लेकर कई बार आंदोलन किया गया था. इसके बाद अर्जुन मुंडा की सरकार की अंतिम कैबिनेट की बैठक में चैनगड़ा को प्रखंड घोषित किया गया, लेकिन यह घोषणा सिर्फ आश्वासन तक ही सीमित रह गयी है. इससे चैनगड़ा के लोगों में गुस्सा व आक्रोश है. वर्तमान सरकार से अविलंब चैनगड़ा को प्रखंड घोषित करने की मांग की. वार्ड के राजू महतो ने कहा कि शहरी क्षेत्र का पैसा, तो लिया जा रहा है, लेकिन सुविधा नगण्य है. वार्ड में सफाई कर्मी आते तो हैं, लेकिन सिर्फ चैनगड़ा चौक के इर्द-गिर्द ही सफाई कर कार्य की समाप्ति कर लेते हैं. गांव में जो भी नालियां बनी हैं, उसमें से अधिकतर नालियां जाम हैं. साबिर अंसारी ने कहा कि आबादी के अनुसार इस वार्ड में बोरिंग नहीं करायी गयी है. अजय ने कहा कि चैनगड़ा बड़ी आबादी वाला क्षेत्र है. इसके बाद भी यहां पर उच्च विद्यालय की सुविधा नहीं है. यहां छात्र-छात्राओं को पांच किलोमीटर दूर सीसीएल हाई स्कूल या 10 किलोमीटर दूर भुरकुंडा जाना पड़ता है. अभय ने कहा कि पूरे चैनगड़ा क्षेत्र में पर्याप्त संख्या में स्ट्रीट लाइट नहीं लगायी गयी है.

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