सुरेंद्र प्रसाद, उरीमारी सयाल डी स्थित काली मंदिर प्रांगण में प्रभात खबर आपके द्वार कार्यक्रम का आयोजन हुआ. इसमें लोगों ने अपनी समस्याओं को रखा. लोगों ने बताया कि सीसीएल प्रबंधन ने सयाल डी व सौंदा डी परियोजना के लिए करीब दो हजार एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया था. इसके बदले करीब दो सौ लोगों को ही आज तक नौकरी मिली है. शेष लोग नौकरी व मुआवजा की आस में वर्षों से दौड़ रहे हैं. किसी भी स्तर पर उनकी बात नहीं सुनी जा रही है. लोगों की नौकरी पाने की आस टूटने लगी है. लोगों ने कहा कि पहले वह लोग अपनी जमीन पर खेती करते थे, लेकिन जमीन चली गयी. अब कोई ढंग का रोजगार उनके पास नहीं है. आर्थिक तंगी में जीवन बीत रहा है. लोगों ने कहा कि सयाल डी परियोजना की आउटसोर्सिंग खदान में भी काफी कम लोगों को अस्थायी काम मिला है. विस्थापित लोगों को विस्थापन प्रमाण पत्र भी प्रबंधन ने नहीं दिया है. इससे विस्थापितों को मिलने वाले लाभ से भी लोग वंचित हैं. विकराल है रोजगार की समस्या : दयानंद : पूर्व मुखिया दयानंद प्रसाद ने कहा कि क्षेत्र में रोजगार की समस्या विकराल हो गयी है. आउटसोर्सिंग खदान खुलने के बाद भी रोजगार नहीं मिला है. लोगों को रोजी-रोटी के लिए भटकना पड़ रहा है. सीएसआर का पूरा पैसा गांव के विकास में खर्च नहीं करने से विकास नहीं हो रहा है. ब्लास्टिंग से घर हो रहा है क्षतिग्रस्त : श्रीकांत : श्रीकांत कुमार ने कहा कि हमारी जमीन चली गयी है, लेकिन बदले में कुछ नहीं मिला. अब खदान में हेवी ब्लास्टिंग होने से हमारे घरों को काफी नुकसान हो रहा है. हेवी ब्लास्टिंग से लोग खतरे में जी रहे हैं. कभी भी बड़ी घटना हो सकती है. लो वोल्टेज से परेशान हैं लोग : संदीप : संदीप कुमार ने कहा कि गांव में बिजली की काफी दिक्कत है. इसे सुधारने के लिए कई बार सीसीएल प्रबंधन से बात की गयी है. लोग लो वोल्टेज की समस्या झेल रहे हैं. यहां लगे ट्रांसफॉर्मर की क्षमता नहीं बढ़ायी जा रही है. बात करने पर केवल आश्वासन मिलता है. अन्याय कर रहा प्रबंधन : नरेंद्र : नरेंद्र प्रसाद ने कहा कि परियोजना में उनकी जमीन गयी है, लेकिन बदले में नौकरी व मुआवजा आज तक नहीं मिला. आउटसोर्सिंग कंपनियों में स्थानीय लोगों को काम देने के बदले बाहरी लोगों को काम पर रखा जा रहा है. प्रबंधन हमारे साथ अन्याय कर रहा है. प्रदूषण का दंश झेल रहे हैं ग्रामीण : अमित : अमित कुमार ने कहा कि हमलोग प्रदूषण का दंश झेल रहे हैं. प्रदूषण से बचाव के लिए कोई कारगर कदम नहीं उठाया जा रहा है. ग्रामीण कई तरह की बीमारी की गिरफ्त में हैं. जब आंदोलन होता है, तो केवल आश्वासन देकर ग्रामीणों को ठगा जाता है. गांव का नहीं हो रहा विकास : अंबर : अंबर प्रसाद ने कहा कि प्रबंधन सिर्फ हमलोगों को ठगने का काम करता है. हमलोगों को अभी तक विस्थापित प्रमाण पत्र नहीं मिला है. प्रबंधन ने सीएसआर कमेटी में एक प्रतिनिधि रखने की बात कही थी. गांव में विकास का कोई काम नहीं हो रहा है. गांव में टेन प्लस टू स्कूल का खुलना भी जरूरी है. कई टोले में नहीं है ढंग की सड़क : हरिहर : हरिहर साव ने कहा कि सरैया टोला व टुंगरी टोला में ढंग की सड़क नहीं है. टोंगरी टोला में अब तक ट्रांसफॉर्मर नहीं लगाया गया है. गांव के आसपास की जमीन से कई जगहों पर गैस रिसाव हो रहा है. इसे ठीक नहीं किया जा रहा है. सौंदा डी-पतरातू मार्ग भी जर्जर है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है