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टिस्को वेस्ट बोकारो क्षेत्र से पुटूस उखाड़ कर लगेगा घास

टिस्को वेस्ट बोकारो क्षेत्र से पुटूस उखाड़ कर लगेगा घास

रामगढ़ वन प्रमंडल से चुरचू व डाड़ी प्रखंड को अलग करने का प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा गया है. सलाउद्दीन, रामगढ़ रामगढ़ डीएस कॉम्पलेक्स स्थित प्रभात खबर कार्यालय में प्रभात खबर संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इसमें रामगढ़ डीएफओ नीतीश कुमार ने कहा कि रामगढ़ वन प्रमंडल से चुरचू व डाड़ी प्रखंड को अलग करने का प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा गया है. दो जिले में वन प्रबंधन किसी भी अधिकारी के लिए मुश्किल होता है. वेस्ट बोकारो घाटो (टिस्को) ने 20 करोड़ पर्यावरण स्वीकृति मद में उपलब्ध कराया है. पुटूस उखाड़ो, घास लगाओ योजना शुरू होनेवाली है. पुटूस के पौधे को उखाड़ कर जलाने के बाद चारकोल बना कर खेतों में डाला जायेगा. इससे कार्बन डाइऑक्साइड को खत्म करने में सफलता मिलेगी. एफडीए योजना के तहत 2012 से फंड उपलब्ध नहीं हो रहा है. इससे रामगढ़ जिले की 296 वन समिति निष्क्रिय हो गयी है. कार्यक्रम में रामगढ़ डीएफओ ने वन पर्यावरण से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी दी. पुटूस उखाड़ो, घास लगाओ योजना से हाथी कॉरिडोर से बाहर नहीं आयेंगे : डीएफओ नीतीश कुमार ने कहा कि टिस्को वेस्ट बोकारो ने पर्यावरण संरक्षण के लिए 20 करोड़ की राशि उपलब्ध करायी है. तीन वर्ष तक पूरे क्षेत्र के पुटूस के पौधे को चारकोल बनाने के बाद खेतों में डाला जायेगा. पुटूस के पौधे को जानवर विशेष कर हाथी नहीं खाते हैं. पुटूस का पौधा आसपास के क्षेत्रों में दूसरे पौधों को उगने नहीं देता है और खुद ही तेजी से फैल जाता है. हाथी पुटूस के पौधों को खाते नहीं है. इसलिए हाथी जंगल से बाहर आ जाते हैं. टिस्को के 10 किमी रेडियस में पायल प्रोजेक्ट की शुरुआत की गयी है. दो किलो घास का बीज ग्रामीणों को देने पर उसे उसका मूल्य भी दिया जायेगा. वन विभाग ड्रोन से पुटूस पौधा हटाने वाले क्षेत्र की भूमि पर रोपण के लिए छिड़काव करेगा. हाथियों के कॉरीडोर का संरक्षण : डीएफओ ने कहा कि रामगढ़ जिले में हाथियों के लिए दो कॉरिडोर ज्यादा महत्वपूर्ण हैं. इसमें सिकिदरी से बोंगई गांव व चोपादारू से रजरप्पा तक है. गोला प्रखंड सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्र है. दूसरा लुगू पहाड़ से चुरचू, बडकागांव क्षेत्र को शामिल कर सकते हैं. वन विभाग हाथियों की सुरक्षा के लिए सिकिदिरी घाटी से जैना मोड़ तक फोरलेन सड़क में पांच अंडर पास व ओवर पास का निर्माण कराने का आदेश जारी किया है. बनारस से कोलकाता एक्सप्रेस हाइवे में बोंगाबार समेत अन्य स्थान जहां एक्सचेंज सड़क होंगी. यहां भी इसी व्यवस्था की योजना को प्रस्तावित किया गया है. कोडरमा-हजारीबाग -बरकाकाना रेलवे लाइन में भी रैन वाटर सिस्टम में सुधार के लिए प्रस्ताव भेजा गया है. एफडीए योजना के बंद होने से वन समितियां प्रभावित : डीएफओ ने कहा कि वर्ष 2012 से एफडीए योजना के तहत वनों की विकास राशि उपलब्ध नहीं हो रही है. इससे सभी वन समितियों का कार्य प्रभावित हुआ है. राज्य में भी कोई ऐसी योजना नहीं है, जिससे राशि वन समितियों को उपलब्ध हो सके. जरूरत है वनों की सुरक्षा के लिए ऐसी योजना शुरू करने की. जंगल में अच्छा काम के लिए विभाग कभी नहीं रोकेगा : वन विभाग के मजबूत होने से जीव-जंतु व पेड़-पौधे सुरक्षित होंगे. इसका सीधा फायदा ग्रामीणों को होगा. जंगल में अच्छा काम के लिए वन विभाग कभी नहीं रोकता है. वन विभाग जितना सक्रिय होगा, उतना आसपास के लोगों में खुशहाली व ऑक्सीजन की वृद्धि होगी. मांडू प्रखंड के एनएच के करीब नया मोड़-कुजू समेत कई क्षेत्रों में वन भूमि पर अतिक्रमण को हटाया गया है. वृक्षारोपण योजना भी वन क्षेत्र में चल रही है. प्रत्येक वर्ष नदी के किनारे 10 किमी तक वृक्षारोपण कार्य के दौरान भी अतिक्रमण हटाया जा रहा है. समय पर नहीं मिल रहा है कैंपा फंड : योजनाओं को शुरू करने के लिए समय पर कैंपा फंड नहीं मिल रहा है. राज्य सरकार की अनुशंसा के अनुसार योजना के लिए राशि कम मिल रही है. रामगढ़ जिले से कोयला खदान रेलवे व अन्य परियोजनाओं में वन भूमि का उपयोग हुआ है. इसके तहत इन संस्थानों ने कैंपा में बड़ी राशि दी गयी है. रामगढ़ जिले में कोतवे बसंतपुर क्षेत्र के 10 किमी रेडियस में कई विशेष कार्य होने हैं. इसमें वन जीव जल स्त्रोत हाथियों के लिए कॉरिडोर व मिट्टी के कटाव को रोकना है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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