नाट्य रंग मंच की स्थापना के साथ फिल्म निर्माण में मिले सब्सिडी रामगढ़ जिला में फिल्म निर्माण से जुड़े कई कलाकार हैं. इनमें एक्टर, डायरेक्टर, राइटर, एडिटर, कैमरामैन, मेक अप मैन, गीतकार, संगीतकार, निर्माता, निदेशक, गायक शामिल हैं. जिला फिल्म एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने शुक्रवार को रामगढ़ डीएस कॉम्पलेक्स में आयोजित प्रभात खबर के संवाद कार्यक्रम में अपनी बातों को रखा. संघ ने प्रशासन व सरकार से रामगढ़ में नाट्य रंग मंच की स्थापना करने की मांग प्रमुखता से रखी. कलाकारों को पेंशन का लाभ देने व फिल्म निर्माण में सब्सिडी देने की मांग की. सरकार क्षेत्रीय फिल्मों को बढ़ावा दे : जिला फिल्म एसोसिएशन के अध्यक्ष बिनोद कुमार सिंह ने कहा कि प्रदेश में जो भी स्थानीय फिल्में बन रही हैं, उसमें झारखंड सरकार प्रोत्साहन दे. सरकार स्थानीय फिल्मों के निर्माण में सब्सिडी दे. सरकार हिंदी फिल्मों को सब्सिडी दे रही है, लेकिन स्थानीय कलाकार व फिल्मों के साथ भेदभाव हो रहा है. सरकार सहयोग नहीं करेगी, तो प्रदेश में फिल्म उद्योग को बल नहीं मिलेगा. यहां की प्रतिभा प्रभावित होगी. कलाकारों के लिए निर्धारित नहीं है शूटिंग स्थल : सचिव दीपक सिंह टाइगर ने कहा कि स्थानीय कलाकारों के लिए शूटिंग स्थल निर्धारित नहीं है. फिल्म अथवा लघु फिल्म की शूटिंग में कलाकारों को काफी परेशानी होती है. प्रशासन से सुरक्षा नहीं मिलता है. बेहतर वातावरण मिलने से स्थानीय भाषा के साथ कलाकार उम्दा फिल्म बना सकते हैं. नहीं मिलता है सरकारी सहयोग : धर्मेंद्र शर्मा ने कहा कि सरकारी सहयोग के अभाव में कलाकार शॉट फिल्म बनाने को मजबूर हैं. रामगढ़ में बहुत अच्छे कलाकार हैं, लेकिन उन्हें बेहतर अवसर नहीं मिल रहा है. रांची के कलाकारों को अवसर मिल रहा है. रामगढ़ में शूटिंग के लिए सुरक्षा मिलनी चाहिए. संजय बनारसी ने जिला प्रशासन से नाट्य रंग मंच की स्थापना कराने को कहा है. झारखंड फिल्म नीति के तहत 50 वर्ष से ऊपर के आयु वाले कलाकारों को पेंशन मिलनी चाहिए. लेखराज महतो ने कहा कि नाट्य रंग मंच के लिए रामगढ़ में जगह की व्यवस्था होनी चाहिए. नाट्य रंग मंच की कमी से फिल्म निर्माण से जुड़े लोग कुंठित महसूस कर रहे हैं. सूरज जायसवाल ने कहा कि रामगढ़ व प्रदेश में काफी अच्छे कलाकार हैं, लेकिन उन्हें प्रोत्साहन नहीं मिल रहा है. प्रोत्साहन नहीं मिलने से कलाकार की प्रतिभा दब रही है. बिनोद वर्मा ने कहा कि जिला में फिल्म व इससे जुड़े लोगों के समक्ष काफी परेशानी है. बबलू शर्मा ने कहा झारखंड में हिंदी फिल्म बने, तो ऑडिशन से स्थानीय कलाकारों को प्राथमिकता मिलेगी. इससे फिल्म व्यवसाय से जुड़े लोगों को मदद मिलेगी. मुकेश साह ने कहा कि जिला में किसी प्रकार की शूटिंग होने पर जिला के कलाकारों को भी अवसर मिलना चाहिए. जिला के लोकेशन में हिंदी सहित अन्य भाषा की शूटिंग होने पर स्थानीय कलाकारों की उपेक्षा होती है. स्थानीय स्तर पर ऑडिशन के बाद कलाकारों को अवसर मिलना चाहिए.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है