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चितरपुर में एनएच सड़क की खुदाई से दुर्घटना बढ़ी, आंदोलन की चेतावनी

चितरपुर में एनएच सड़क की खुदाई से दुर्घटना बढ़ी, आंदोलन की चेतावनी

बैरिकेडिंग व चेतावनी बोर्ड नहीं लगाने से गिर कर लोग हो रहे हैं घायल सुरेंद्र कुमार / शंकर पोद्दार ,चितरपुर रामगढ़-बोकारो राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच) पर चितरपुर के समीप सड़क की खुदाई कर उसे अधूरा छोड़ दिया गया है. परिणामस्वरूप यह मार्ग आज जानलेवा बन गया है. जिस स्थान पर खुदाई की गयी है, वहां न तो कोई सुरक्षा व्यवस्था है और न ही चेतावनी देने वाले बोर्ड लगाये गये हैं. आये दिन राहगीर और वाहन चालकों के लिए यह जगह हादसों का सबब बन रही है. अब तक दर्जनों लोग घायल हो चुके हैं. स्थानीय ग्रामीणों में इस लापरवाही को लेकर रोष है. ग्रामीणों ने रखी अपनी बातें : श्रीकांत पोद्दार ने कहा कि वह प्रतिदिन बच्चों को लेकर डीएवी स्कूल जाते हैं. एक दिन बच्चों के साथ सड़क पर फिसल कर गिर जाने से चोट लग गयी. शिवम पोद्दार ने कहा कि इस सड़क पर बाइक से चलना मुश्किल हो गया है. मेरी बाइक एक दिन फिसल कर गिर गयी. भगवान का शुक्र है कि पीछे से आ रहा हाइवा समय रहते ठहर गया. उन्होंने कहा कि अगर निर्माण कार्य को पूरा नहीं करना था, तो बरसात के दिन में शुरू क्यों किया गया. दीपक साव ने कहा कि चितरपुर में एक – डेढ़ माह पहले सड़क को खोद कर छोड़ दिया गया है. इससे लोगों को परेशानी हो रही है. गड्ढे से फिसलकर गिर रहे हैं दोपहिया चालक : चितरपुर में एनएच की खुदाई के बाद गड्ढों को न भरा गया और न समतल किया गया. इससे सबसे अधिक खतरा दोपहिया वाहन चालकों को हो रहा है. यहां से गुजर रहे बाइक सवार जैसे ही अनजान गड्ढे में पहुंचते हैं, वे अपना संतुलन खो बैठते हैं. स्थिति यह हो गयी है कि लगता है पंक्चर बाइक चला रहे है. कुछ लोगों को गंभीर चोटें भी आयी हैं. लोगों ने बताया कि हर दिन किसी न किसी की बाइक फिसलती है. रात के अंधेरे में और बढ़ जाता है खतरा : सबसे बड़ी चिंता की बात यह है कि रात के समय यह स्थान पूरी तरह अंधकारमय रहता है. न तो स्ट्रीट लाइट की व्यवस्था है, और न ही कोई चेतावनी बोर्ड लगाया गया है. जिससे बाहर से आ रहे वाहन चालकों को अंदाजा नहीं होता और वे गड्ढों में गिर जाते हैं. कई बार बड़े वाहनों का भी नियंत्रण खो जाता है. हालांकि कई चौक चौराहों में स्ट्रीट लाइट लगा हुआ है. स्थानीय लोगों में आक्रोश, आंदोलन की चेतावनी : इस मामले को लेकर चितरपुर के ग्रामीणों में आक्रोश है. ग्रामीणों का कहना है कि सड़क को खोदने के बाद प्रशासन और ठेकेदार ने कोई सुध नहीं ली. ग्रामीणों ने इसे गंभीर लापरवाही बताते हुए विरोध प्रदर्शन की चेतावनी दी है. न स्कूल के बच्चे सुरक्षित, न बुजुर्ग : यह मार्ग न केवल व्यावसायिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यहां से स्कूल जाने वाले बच्चे, बुजुर्ग, महिलाएं और प्रतिदिन काम पर जाने वाले मजदूर भी गुजरते हैं. लोग कह रहे हैं कि अब इस रास्ते पर चलने से डर लगने लगा है. स्कूल जाने वाले बच्चों के अभिभावकों की चिंता बढ़ गयी है. व्यवसाय भी हो रहा है प्रभावित : यह मार्ग रामगढ़-बोकारो को जोड़ने वाला व्यस्ततम मार्ग है. इसके जरिये कई मालवाहक गाड़ियां और व्यवसायिक वाहन भी गुजरते हैं. सड़क खराब होने के कारण माल लदे ट्रकों की गति धीमी हो गयी है, जिससे परिवहन व्यवसाय प्रभावित हो रहा है. ग्रामीणों की मांग : ग्रामीणों ने खुदाई की गयी सड़क की तत्काल मरम्मत करने, सुरक्षा घेरा और चेतावनी बोर्ड लगाने, दोषी ठेकेदार और अधिकारियों पर कार्रवाई करने एवं भविष्य में बिना वैकल्पिक व्यवस्था के खुदाई नहीं करने की मांग की है. बारिश के कारण परेशानी हुई : परियोजना निदेशक एनएचएआइ के परियोजना निदेशक धीरज भारती ने कहा कि सड़क मरम्मत कार्य चालू था. बारिश के कारण थोड़ी परेशानी हुई है. मौसम साफ होने पर शीघ्र ही मरम्मत कार्य को पूरा कराया जायेगा.

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