रामगढ़. केंद्रीय सामाजिक न्याय विभाग ने दिव्यांग व्यक्तित्व के कार्यों को राष्ट्रीय पटल पर पहचान दिलाने के लिए 21 मार्च को राष्ट्रपति भवन परिसर में पर्पल फेस्ट का आयोजन किया था. इसमें झारखंड का प्रतिनिधित्व दिव्यांग कलाकार संदीप कुमार नायक ने किया. यहां झारखंड की जनजाति आदिवासी संस्कृति, रहन-सहन व लोगों की दिनचर्या पर आधारित पेंटिंग लगी थी. देश भर से आने वाले लोगों को झारखंड पर आधारित पेंटिंग व फोटोग्राफी अच्छी लगी. संदीप को झारखंड की संस्कृति से संबंधित पेंटिंग व फोटोग्राफी के लिए गैलरी उपलब्ध करायी गयी थी. यहां इनकी 40 से अधिक पेंटिंग व फोटोग्राफी लगायी गयी थी. केंद्रीय मंत्री डॉ वीरेंद्र कुमार व सामाजिक न्याय विभाग के सचिव राजेश अग्रवाल ने झारखंड की संस्कृति से संबंधित प्रदर्शित फोटोग्राफी व पेंटिंग की सराहना की. गौरतलब हो कि देश के कई दिव्यांग अलग-अलग क्षेत्र खेल, फिल्म, साहित्य, लेखन, पेंटिंग, फोटोग्राफी में उल्लेखनीय कार्य कर रहे हैं. इन कलाकारों को पर्पल फेस्ट में अवसर उपलब्ध कराया गया था. दुनिया के 50 फोटोग्राफरों में संदीप का हुआ चयन : यूनेस्को ने ग्लोबल फोटोग्राफी प्रतियोगिता आयोजित की थी. इसमें दुनिया के दिव्यांग कलाकारों को आमंत्रित किया गया था. प्रतियोगिता के बाद टॉप 50 में संदीप कुमार नायक का चयन हुआ. यूनेस्कों ने उन्हें प्रमाण पत्र उपलब्ध कराया. कौन हैं संदीप कुमार नायक : संदीप चतरा जिले के कुड़लोंग हाई स्कूल के शिक्षक श्यामदास नायक के पुत्र हैं. उनका पैतृक आवास हेंदेगीर गांव में है. वह फिलहाल नोयडा में रहते हैं. टंडवा हाई स्कूल से मैट्रिक व इंटर की पढ़ाई आनंदा कॉलेज हजारीबाग से की है. स्नातक फाइन आर्ट की पढ़ाई यूपी से की. इनके भाई प्रवीण नायक कार्टूनिस्ट हैं. संदीप ने बताया कि पिता शिक्षक के रूप में बच्चों को पढ़ाई के साथ-साथ पेंटिंग बनाने का भी ज्ञान देते थे. माता शांति देवी घर में लेदरा की सिलाई करने में धागों से फुल बनाती थी. उसी समय बचपन में पेंटिंग और फोटोग्राफी के प्रति रुचि बढ़ी. उन्होंने उपेंद्र महारथी स्कूल ऑफ पेंटिंग, हजारीबाग से चित्रकला की शिक्षा ली. आज वह झारखंड में सोहराय, सरहुल पर्व व जनजाति संस्कृति व रहन-सहन की फोटोग्राफी व पेंटिंग कर रहे हैं.
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