घाटोटांड़. होली क्रॉस स्कूल, घाटोटांड़ में साहित्यकार बाल कृष्ण भट्ट की जयंती मनायी गयी. कार्यक्रम की शुरुआत विद्यालय की प्राचार्या सिस्टर सेलिना संगीता बेक व प्रधानाध्यापिका सिस्टर टेसी ने की. विद्यालय के छात्र-छात्राओं ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया. विद्यालय की प्राचार्या सिस्टर सेलिना संगीता बेक ने कहा कि बालकृष्ण भट्ट को गद्य प्रधान कविता का जनक माना जाता है. वह ऐसे निबंधकार थे, जिन्होंने आत्मपरक शैली का प्रयोग किया. वह भारतेंदु युग के साहित्यकार थे. उन्होंने 32 वर्षों तक हिंदी प्रदीप का संपादन किया. 300 से अधिक निबंध लिखे. उन्होंने उपन्यास, नाटक और कहानियां भी लिखी. उनकी कृतियों में ””””””””साहित्य सुमन भट्ट निबंधावली, सौ अजान एक सुजान,चंद्रसेन, स्वयंवर,पद्मावती आदि प्रमुख है .वही अन्य वक्ताओं ने कहा कि भट्ट भावनात्मक और दार्शनिक दृष्टिकोण से भरपूर कविताएं भी लिखा करते थे , उनके अद्भुत साहित्य के लिए पद्म भूषण, भारत भारती पुरस्कार तथा साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया. मौके पर बच्चों को साहित्य से जुड़े रहने और उससे प्रेरणा लेने के लिए प्रेरित किया गया. रिया कुमारी व अनैंसी सान्वी ने भी अपने विचार रखे. मौके पर अमन एक्का, अनामिका, अंशु, शांति, सुजाता शर्मा, अनीता सिंह, शंभु चक्रवर्ती, राजदेव ठाकुर, सुनील कुमार सिंह, संध्या राय, मुन्ना कुमार, विजय फ्रांसिस, रुचि एक्का, अनु बारला, प्रेम उदय बेक, पुष्प लता मौजूद थे. धन्यवाद ज्ञापन कृतिका मुर्मू ने किया.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है