संवाददाता, पाकुड़: यह सही कहा गया है कि मदद एक ऐसा शब्द है जो पीड़ा से उपजता है, और जब इसे सच्चे मन से निभाया जाता है, तो यह इबादत बन जाती है. ऐसा ही एक वाकया झारखंड के पाकुड़ जिले के सीतापहाड़ी गांव में हुआ. करीब छह साल पहले चुनावी कार्यक्रम के दौरान टुटुल शेख नामक युवक अपने घर में एक पार्टी का झंडा लगा रहा था, तभी वह बिजली के तार की चपेट में आ गया. इस हादसे में उसके सिर, पीठ और पैर गंभीर रूप से जल गए. इलाज के दौरान डॉक्टरों को उसके दोनों पैर काटने पड़े, जिससे वह अपाहिज हो गया. कई प्रयासों के बावजूद उसे कोई मदद नहीं मिली. फिर उसकी मुलाकात समाजसेवी अजहर इस्लाम से हुई. अजहर इस्लाम ने न केवल उसकी आर्थिक मदद शुरू की, बल्कि उसकी गुजारिश पर उसे कृत्रिम पैर लगवाने के लिए राजस्थान भी भेजा. इसका पूरा खर्च अजहर इस्लाम ने उठाया. आज टुटुल कृत्रिम पैरों के सहारे खड़ा है और अपने जीवन को नए सिरे से जीने को तैयार है. वह अजहर इस्लाम का तहे दिल से आभार व्यक्त करता है. अजहर इस्लाम का कहना है कि जरूरतमंदों की मदद करना ही मानवता का असली धर्म है.
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