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24 घंटे बाद निकला शव, रात भर गंगा तट पर बैठे रहे परिजन

एसी ने कहा- गंगा का जल स्तर बढ़ोतरी पर है, आने-जाने में सावधानी बरतें

तालझारी/साहिबगंज. हाराजपुर गदाई दियारा में रविवार को सुबह 9 से 11 बजे के बीच दोनों शव के निकलते ही परिजनों के रोने-बिलखने से पूरे क्षेत्र के लोगों की आंखों के आंसू नहीं रुक रहे थे. एसी गौतम भगत व सीओ युसूफ सभी लोगों के परिवार को ढांढस दे रहे थे कि सरकार व जिला प्रशासन आपके साथ है. सभी को मदद दी जायेगी. एसी ने कहा कि गंगा का जल स्तर बढ़ोतरी पर है. उन्होंने आने-जाने में सावधानी बरतने की अपील की. साथ ही नाविक को निर्धारित सीमा के अंदर ही लोगों को लेकर नाव चलाने की बात कहीं. विदित हो शनिवार को पतना प्रखंड के झुमुर बांध से 32 की संख्या में लोग चूहा पकड़ने के लिए गदाई दियारा महाराजपुर गंगा नदी से छोटा नाव में सवार होकर दियारा की ओर जा रहे थे. कुछ दूरी जाने के बाद ही नाव गंगा में डूब गयी. इसमें करीब 28 लोग सुरक्षित तैरते हुए बाहर निकल गये. नाव में सवार झुमुर बांध के राजू मुर्मु (25 वर्ष), कृष्णा सोरेन (30 वर्ष), कहा हांसदा (39 वर्ष) एवं शाम बास्की (25 वर्ष) गंगा में डूब गये. नाव डूबने के तुरंत बाद राजू मुर्मू का शव गंगा नदी से निकाला गया जबकि कृष्णा सोरेन का शव गोताखोर द्बारा काफी खोजबीन के बाद घंटों बाद गंगा नदी से बाहर निकाला गया. वहीं देर शाम खोजबीन करने के पश्चात भी लापता दो लोगों का शव नहीं मिल पाया जबकि रविवार को दोबारा गोताखोर द्बारा खोजबीन करने पर कुछ देर बाद कहा हांसदा एवं शाम बास्की का शव भी गंगा नदी से बाहर निकाल लिया गया. दोनों शव को गंगा रिवर थाना पुलिस द्बारा पोस्टमार्टम के लिए साहिबगंज अस्पताल भेज दिया गया. स्थानीय लोगों ने बताया कि अधिक पैसे के चक्कर में एक छोटी नाव में क्षमता से अधिक यात्री सवार किये जाने के कारण नाव गंगा नदी में डूब गयी और चार लोगों की मौत हो गयी. बताया कि गदाई दियारा गंगा घाट पर नाविक तुलसी महतो व दूसरा नाविक प्रयाग चौधरी था. तुलसी महतो ने अपने नाव में ही सभी यात्रियों को सवार कर लिया जबकि प्रयाग चौधरी ने तुलसी महतो के नाव पर अत्यधिक यात्रियों को देखकर 10 यात्रियों को अपने नाव पर भेज देने की मांग की परन्तु उन्होंने नहीं दिया. इस कारण क्षमता से अधिक नाव में सवार होने के कारण नाव गंगा नदी में डूब गयी. बताया गया कि एक यात्री पर 10 रुपए नाविक द्बारा लिया जाता है. दूसरे दिन सुबह होते ही महाराजपुर गंगा घाट तट पहुंचकर बीडीओ सह सीओ मो युसूफ और गंगा रिवर थाना प्रभारी लव कुमार पहुंचकर कैंप कर रहे थे. करीब आठ बजे पहला शव मिला, जिसकी पहचान कहा हांसदा के रूप में की गयी. वहीं करीब एक घंटे के बाद शाम बास्की का शव निकाला गया. परिजन शव निकाले जाने के इंतजार में गंगा की ओर आंख बिछाये बैठे थे. गदाई दियारा के गंगा नदी में नाव के डूबने से लापता हुए शाम बास्की एवं कहा हांसदा का शव मिलते ही परिजन दहाड़ मार कर रोने लगे. दिन के क़रीब 10 बजे एसी गौतम भगत ने मौके पर मामले की जानकारी ली और इस दुखद घड़ी में मृतक के परिजनों से मुलाकात कर ढांढस बंधाया. क्या कहते हैं एसडीओ : बड़ी दुखद घटना थी मृतक के परिजनों को सरकार की ओर से आपदा विभाग की ओर दी जाने वाली मुआवजा राशि के लिए अंचल द्बारा जांच कर रिपोर्ट जिला भेजी जायेगी. – सदानंद महतो, एसडीओ, राजमहल क्या कहते हैं एसी : अगर कोई भी नाविक अत्यधिक लोगों को लेकर परिचालन करता है, तो उनके नाव जब्त कर प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई की जायेगी. – गौतम भगत, अपर समाहर्ता, साहिबगंज

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