तालझारी.तालझारी प्रखंड परिसर स्थित बीआरसी भवन पूरी तरह से जर्जर अवस्था में पहुंच चुका है. कार्यालय भवन की छत से लगातार पानी टपकता है और छत की प्लास्टर की परतें टूटकर गिर रही है, जिससे लोहे का रॉड भी दिखाई देने लगा है. इस स्थिति में वहां कार्यरत पदाधिकारियों और कर्मियों के लिए कार्य करना जोखिमपूर्ण हो गया है और कभी भी गंभीर दुर्घटना की आशंका बनी रहती है. विभाग के कर्मियों ने बताया कि बारिश के दिनों में पूरे भवन की छत को प्लास्टिक से ढकना पड़ता है ताकि कार्यालय सामग्री और विभागीय अभिलेखों को बचाया जा सके. किताबें, फाइलें और अन्य दस्तावेज प्लास्टिक में लपेटकर सुरक्षित किये गये हैं, फिर भी क्षति की संभावना बनी रहती है. हालात ऐसे हैं कि नियमित विभागीय बैठकें अब बरामदे में आयोजित करनी पड़ रही हैं. बीआरसी तालझारी से प्राप्त जानकारी के अनुसार यह भवन वर्ष 2006-07 में निर्मित हुआ था. इसमें कुल आठ कमरे हैं, जिनमें बीईईओ के अलावा बीपीओ, बीआरपी, एमआईएस, आदेशपाल (दो) एवं एमडीएम ऑपरेटर सहित कुल सात कर्मी कार्यरत हैं. वर्तमान स्थिति में भवन की हालत इतनी खराब हो चुकी है कि कार्यालय संचालन अत्यंत कठिन हो गया है. स्थिति की गंभीरता को देखते हुए बीईईओ तालझारी ने शुक्रवार को बीडीओ को एक लिखित आवेदन सौंपा है, जिसमें प्रखंड परिसर स्थित खाली पड़े सीडीपीओ कार्यालय में बीआरसी को अस्थायी रूप से स्थानांतरित करने की अनुमति मांगी गयी है. बीईईओ ने अपने आवेदन में स्पष्ट किया है कि भवन की छत से लगातार पानी टपकने और छत के हिस्सों के टूटकर गिरने के कारण कर्मचारियों को प्रतिदिन जान जोखिम में डालकर काम करना पड़ रहा है. साथ ही, कार्यालय में रखी सामग्री भी पानी से खराब होने के कगार पर है. स्थानीय प्रशासन से शीघ्र कार्रवाई की अपेक्षा की जा रही है ताकि कर्मचारियों को सुरक्षित वातावरण में कार्य करने की सुविधा मिल सके तथा विभागीय कार्य बाधित न हो. क्या कहते बीईईओ
क्या कहते बीपीओ
बीआरसी भवन अत्यंत जर्जर हो चुका है, जिससे छत से पानी टपकता है और प्लास्टर की परतें गिर रही हैं. अब छत का रॉड तक दिखाई देने लगा है. ऐसी स्थिति में कार्य करना न केवल कठिन हो गया है, बल्कि हमेशा दुर्घटना की आशंका बनी रहती है. इस संबंध में बीईईओ के माध्यम से प्रखंड विकास पदाधिकारी (बीडीओ) को सूचना दी गयी है.दीपक मंडल, बीपीओ
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