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रुक-रुक कर बारिश से दियारा वासी परेशान, पलायन को मजबूर, ऊंचे स्थानों पर पहुंचाये जा रहे मवेशी

गंगा के जलस्तर में अप्रत्याशित वृद्धि से दियारा क्षेत्र में बाढ़ का खतरा, प्रशासन सतर्क

साहिबगंज. साहिबगंज जिले के दियारा क्षेत्र में जुलाई माह में ही गंगा के जलस्तर में अप्रत्याशित वृद्धि के कारण बाढ़ का खतरा गहराने लगा है. इस समय जब खेती की उम्मीदें लेकर किसान अपनी खरीफ फसलों की तैयारी कर रहे थे, गंगा के उफनते जल ने उनकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया है. गंगा से सटे दियारा क्षेत्र के दर्जनों गांवों में भय और चिंता का माहौल है. लगातार मूसलधार बारिश और अन्य राज्यों से आने वाली नदियों के कारण गंगा का जलस्तर बढ़ता जा रहा है. इसके चलते साहिबगंज, राजमहल, तलबा और उधवा जैसे प्रखंडों के शोभनपुर भट्ठा, रामपुर, दुर्गा स्थान टोला, पिलर टोला, भूतनी जैसे इलाकों में गंगा का पानी खेतों में प्रवेश कर गया है. खरीफ फसलें और दलहन डूबने लगी हैं, जिससे किसानों की मेहनत और पूंजी दोनों पर संकट आ गया है. दियारा क्षेत्र में वैसे भी हर साल बाढ़ के कारण खरीफ फसल नहीं हो पाती और इस बार भी वही स्थिति दोहरायी जा रही है. चार प्रखंड की एक लाख की आबादी होती है प्रभावित : बाढ़ के असर से न केवल फसलें, बल्कि लगभग एक लाख की आबादी वाले चार प्रखंडों के ग्रामीण भी प्रभावित हो रहे हैं. इन क्षेत्रों के लोग बाढ़ की त्रासदी से साल दर साल जूझते रहे हैं. गांवों में पानी घुसने के कारण लोग अपने घरों से पलायन को मजबूर हो जाते हैं. वे ऊंचे स्थानों पर जाकर अस्थायी रूप से शरण लेते हैं और जब हालात और बिगड़ते हैं तो प्रशासन द्वारा चलाए जा रहे राहत शिविरों में शरण लेना पड़ता है. इस दौरान लोगों को अपने मवेशियों, सामान और परिवार के साथ सुरक्षित स्थानों की तलाश करनी पड़ती है, जिससे मानसिक और आर्थिक दोनों ही तरह की परेशानी झेलनी पड़ती है. सभी मुख्य पथों पर पानी आ जाने से नाव ही है सहारा : बाढ़ के समय दियारा क्षेत्र के लगभग 60,000 से अधिक लोगों की आवाजाही बुरी तरह प्रभावित हो जाती है. सभी मुख्य सड़कों पर पानी भर जाने के कारण नाव ही एकमात्र साधन बचता है. मरीजों और गर्भवती महिलाओं को अस्पताल ले जाने जैसी स्थितियां अत्यंत गंभीर हो जाती हैं. ऐसे में प्रशासन द्वारा कुछ नावों की व्यवस्था की जाती है, लेकिन वह भी आवश्यकताओं की तुलना में अपर्याप्त होती है. कई जगहों पर सामुदायिक किचन, रोशनी, पेयजल और तिरपाल जैसी अस्थायी व्यवस्था की जाती है. गंगा तट के लोगों से सुरक्षित स्थान पर जाने की अपील : गंगा के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए जिला प्रशासन पूरी तरह सतर्क हो गया है. उपायुक्त हेमंत सती स्वयं अपनी टीम के साथ दियारा क्षेत्र का निरीक्षण कर चुके हैं. उन्होंने दियारा के निवासियों से अपील की है कि वे समय रहते सुरक्षित स्थानों पर पहुंचें. उन्होंने भरोसा दिलाया कि प्रशासन की ओर से राहत शिविरों में खाना, पानी, बिजली और रहने की पूरी व्यवस्था की जा रही है. साथ ही पशुओं के लिए चारा और ठहरने का इंतजाम भी किया गया है. अंचल अधिकारी को बाढ़ की स्थिति पर पैनी नज़र रखने का निर्देश : बाढ़ग्रस्त इलाकों में स्थिति की गंभीरता को देखते हुए उपायुक्त ने सभी अंचल अधिकारियों को गंगा के जलस्तर पर 24×7 नजर रखने का निर्देश दिया है. साथ ही, गंगा किनारे रहने वाले लोगों को चिह्नित कर समय रहते उन्हें राहत शिविरों या ऊंचे स्थानों पर पहुंचाने का आदेश दिया गया है.

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