राजमहल. राजमहल शहर को सुंदर शहर बनाने की परिकल्पना के साथ नगर पंचायत कार्यालय के माध्यम से लाखों की लागत से शहर के बिजली खंभों में डिजिटल लाइट (तिरंगा लाइट) लगाया गया. लाइट लगने से रात्रि के समय शहर के मुख्य सड़कों की खूबसूरती अपनी ओर आकर्षित कर रही थी. लेकिन संवेदक के कार्य की अनियमितता ने सुंदर शहर की परिकल्पना पर ग्रहण लगा दिया है. लाइट लगने से महज डेढ़ महीने के अंदर ही खराबी आने लगी है. कहीं तो पूरी तरह से बंद है. ऐसे में संवेदक द्वारा किये गये कार्य की गुणवत्ता पर सवाल खड़े कर रहे हैं. शहर के लोग का आरोप है कि संबंधित अभियंता द्वारा भी संवेदक के किये गये कार्यों के गुणवत्ता की जांच नहीं की गयी, जिसका परिणाम है कि लाइट लगने के कुछ दिन बाद ही खराब होने लगा है. वहीं कुछ लोगों का आरोप है कि खंभे में पूरा लाइट नहीं लगाया गया है. तीनों कलर को थोड़ी ही दूर लगाकर खानापूर्ति कर दी गयी है. कहती हैं नपं प्रशासक बिजली खंबे में लगा तिरंगा लाइट के खराब होने की सूचना मिली है. संबंधित संवेदक को त्वरित बदलने का निर्देश दिया गया है और नये तरीके से लाइट को चालू करने को कहा गया है. स्मिता किरण, नपं प्रशासक, राजमहल
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