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शोषितों, पीड़ितों और दुखी लोगों के लिए प्रभु यीशु हैं एकमात्र उम्मीद

विशेष प्रार्थना सभा में शामिल हुए ईसाई समाज के लोगों ने प्रभु यीशु का किया स्वागत, बोले फादर

साहिबगंज. जिले के सभी गिरजाघरों में रविवार को खजूर रविवार यानी पाम संडे मनाया गया. शहर के घाट रोड स्थित कैथोलिक चर्च के फादर मैथियस हेंब्रम व फादर एंब्रुस के नेतृत्व में पाम संडे मनाया गया. फादर मैथियस ने कहा कि ईसाइयों का दूसरा सबसे बड़ा पर्व ईस्टर पर लोग अपने साथ खजूर की डालियां लेकर चर्च आते हैं. उन्होंने कहा कि पाम संडे प्रभु यीशु के यरुशलम नगर में प्रवेश करने की याद में मनाया जाता है. बाइबल के अनुसार यरुशलम नगर के लोगों को भविष्यवक्ताओं से जानकारी मिली थी कि मसीहा के रूप में प्रभु यीशु दुनिया में आ चुके हैं. जब यरुशलम के लोगों को यह खबर मिली कि प्रभु यीशु का आगमन उनके नगर में हो रहा है तो सभी लोग सड़क पर निकल गये और अपने मसीहा के स्वागत में प्रार्थना सभा की. नये कपड़े और खजूर की डालियां बिछा दी. कई लोग प्रार्थना सभा में शामिल हुए. फादर एंब्रुस ने बताया कि ईस्टर से पहले 40 दिनों तक ईसाई समुदाय पवित्र लेंट माह का पालन करता है. इस अवधि में लगातार उपवास व प्रार्थना करते हैं. खजूर रविवार लेंट का आखिरी रविवार होता है. शोषित, पीड़ित और दुखी लोगों के लिए प्रभु यीशु एकमात्र उम्मीद हैं. पाम संडे उस मुक्तिदाता के आने का दिन है, जो हमें इन बंधनों से छुटकारा दिलाता है. मौके पर फादर एंब्रुस, एसडीपीओ किशोर तिर्की, जिला कृषि पदाधिकारी प्रमोद एक्का, सिस्टर लीली, मैथियस किस्कू, वर्षा मैथल, बल्लू, सुशील समेत सैकड़ों महिला व पुरुष मौजूद थे.

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