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नेताजी की याद में अंशदान मांगा… और शुरू हो गया ऑनलाइन खेल! कौन ठग रहा है समाजवाद के नाम पर?

Akhilesh Yadav Donation Scam: समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने नेताजी स्मृति स्मारक के लिए अंशदान की अपील की. इसके बाद सोशल मीडिया पर फर्जी चंदा वसूली शुरू हो गई. सपा ने स्पष्ट किया कि अभी कोई आधिकारिक अकाउंट या UPI जारी नहीं हुआ है, लोग ठगी से सावधान रहें.

Akhilesh Yadav Donation Scam: उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने रविवार, 29 जून को सोशल मीडिया साइट एक्स (पूर्व ट्विटर) पर एक भावुक पोस्ट करते हुए पार्टी कार्यकर्ताओं और शुभचिंतकों से अपने दिवंगत पिता मुलायम सिंह यादव की स्मृति में बन रहे समाजवादी स्मारक के लिए “आस्था अंशदान” करने की अपील की. उन्होंने आग्रह किया कि उनके जन्मदिन के अवसर पर किसी भी प्रकार की फूलमाला, तस्वीर, साइकिल चिन्ह या अन्य उपहार की बजाय स्मारक के लिए अंशदान करें.

स्मारक सहयोग पुस्तिका में होगा अंशदाताओं का नाम

अखिलेश यादव ने यह भी कहा कि हर सहयोगकर्ता का नाम ‘समाजवादी स्मारक सहयोग पुस्तिका’ में प्रकाशित किया जाएगा, जिससे लोगों की समाजवादी मूल्यों के प्रति प्रतिबद्धता सहेजी जा सके. उन्होंने सभी शुभचिंतकों को इस सहयोग के लिए अग्रिम धन्यवाद भी ज्ञापित किया.

सोशल मीडिया पर स्कैम: सपा ने जारी किया अलर्ट

सोमवार, 30 जून को समाजवादी पार्टी की ओर से एक स्पष्टीकरण जारी करते हुए बताया गया कि नेताजी के स्मारक के नाम पर सोशल मीडिया पर फर्जीवाड़ा शुरू हो गया है. कुछ लोगों द्वारा बिना किसी आधिकारिक खाता संख्या और यूपीआई जारी किए ही स्मारक के नाम पर रुपये एकत्रित करने के प्रयास सामने आए हैं.

कोई खाता नंबर या UPI अब तक जारी नहीं – सपा

सपा ने स्पष्ट किया कि पार्टी की ओर से अभी तक किसी भी प्रकार का अकाउंट नंबर या यूपीआई जारी नहीं किया गया है. पार्टी ने सभी कार्यकर्ताओं, नेताओं और शुभचिंतकों से अपील की है कि जब तक आधिकारिक घोषणा न हो, किसी भी माध्यम से कोई राशि न भेजें, अन्यथा वे धोखाधड़ी का शिकार हो सकते हैं.

सपा का आग्रह: केवल पार्टी कार्यालय में ही करें अंशदान

पार्टी ने यह भी बताया कि भविष्य में जब औपचारिक प्रक्रिया तय होगी, तब सभी को सूचित किया जाएगा. सभी प्रकार के अंशदान केवल समाजवादी पार्टी के लखनऊ स्थित पार्टी कार्यालय में आधिकारिक तौर पर स्वीकार किए जाएंगे.

डिजिटल दौर में भावनात्मक अपील बन गई फर्जीवाड़े का जरिया

जहां एक तरफ अखिलेश यादव की पहल को भावनात्मक समर्थन मिल रहा है, वहीं दूसरी ओर सोशल मीडिया पर स्कैमर्स ने इसे एक मौका बना लिया है. पार्टी ने अपने समर्थकों को सतर्क रहने और किसी भी भ्रामक लिंक, अकाउंट या संदेश से बचने की सलाह दी है.

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